स्त्री और पुरुष के दाएं बाएं कंधे का फड़कना क्या दर्शाता है? जानने कंधे फड़कने के बारे में | kandhe ka fadkana
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अंगों का फड़कना कोई ना कोई संकेत देता है। जो कि हमारे आने वाले भविष्य में होने वाली घटनाओं को दर्शाता है। इसलिए इनका फड़कना क्या फल देता है। इसके बारे में भी जान लेना अति आवश्यक है। इसलिए यहां पर हम कंधे के फड़कने के बारे में जानेंगे, कि कंधे का फड़कना क्या दर्शाता है।
अंगों का फड़कना अगर ज्यादा हो तभी वह फल देता है। वरना अंगों के फड़कने के कई कारण से भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आप का अंग काफी देर तक या कुछ समय तक भड़के तभी उसका फल समझना चाहिए। वरना इसका कोई फल नहीं समझना चाहिए। क्योंकि आप के शरीर में कोई अन्य कारण से भी फडकन हो सकता है।
अगर आपका अंग लंबे समय से फड़क रहा है। तो उसका फल पुरुष के लिए दाहिना अंग शुभ माना गया है। और स्त्री के लिए वाया अंग शुभ माना गया है। इसलिए हम यहां पर पुरुष के दाहिने अंग की बात करेंगे। इसको आप स्त्री के बाएं अंग का समझें।
कंधे का फड़कना कैसा होता है?
कंधों का फड़कना आमतौर पर शुभ माना गया है। यह विजय का ही प्रतीक है। इसलिए हम यहां पर दाहिने कंधे और बाये कंधे दोनों की अलग-अलग बात करेंगे। जिससे आप को आसानी से समझ में आ जाएगा।
दाएं कंधे का फड़कना
अगर किसी व्यक्ति का दाहिना कंधा फड़कना है। तो यह एक बेहद शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा माना जाता है, कि दाहिना कंधा फड़कने से धन लाभ होता है। विजय की प्राप्ति होती है। समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ता है। इसलिए यह एक शुभ संकेत देता है।
बाएं कंधे का फड़कना
अगर किसी व्यक्ति का बायां कंधा फड़कना है। तो यह भी एक शुभ संकेत ही माना जाता है। क्योंकि बाएं कंधे के फड़कने से जल्द मिलने वाली सफलताओं को दर्शाता है। इसलिए इसे बेहद शुभ संकेत माना जा सकता है।
दोनों कंधे का एक साथ फड़कना
अगर किसी व्यक्ति का दोनों कंधा एक साथ भड़कता है। तो यह एक अशुभ संकेत देता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि जिस व्यक्ति का दोनों कंधा एक साथ फड़कता है। तो वह आने वाले निकट भविष्य में होने वाली कोई बड़ी लड़ाई का संकेत देता है। इसलिए इससे आप सावधान रहें। क्योंकि आप के निकट भविष्य में किसी के साथ बड़ी गंभीर लड़ाई होने का यह सूचक है।