यात्रा के लिए शुभ मुहूर्त कब है 2025 | यात्रा करने के लिए शुभ मुहूर्त | Kis din kisdisha me yatra karna chahiye
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आज हम यात्रा करने के शुभ मुहूर्त के बारे में जानेंगे। कि यात्रा कब और किस दिन करना शुभ होता है? यात्रा का शुभ मुहूर्त कब है? शुभ मुहूर्त में किया गया यात्रा सदा शुभ फलदाई होता है। इसलिए जब भी यात्रा करना हो। तो शुभ मुहूर्त में ही करें। लेकिन अगर आपको कोई ऐसा यात्रा करना है। जिसमें शाम तक अपने घर को आ वापस आ जाते हैं। तो ऐसे यात्रा में आपको शुभ मुहूर्त देखने की कोई आवश्यकता नहीं है।
यहां पर यात्रा करने की शुभ मुहूर्त के बारे में बतलाया गया है। इस मुहूर्त में आप यात्रा कर सकते हैं। यहां पर मुहूर्त के साथ शुभ दिशा भी बतलाया गया है। जिसमें आप उस दिशा में यात्रा कर सकते हैं।
यात्रा के लिए शुभ मुहूर्त जनवरी 2025
दिनांक | वार | समय | शुभ दिशा |
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8 जनवरी 2025 | बुधवार | दोपहर 1:50 से शाम 4:17 तक | पूर्व और दक्षिण दिशा |
24 जनवरी 2025 | शुक्रवार | रात्रि 3:12 से रात्रि 4:01 तक, शाम 4:52 से संपूर्ण रात्रि तक | उत्तर और पूर्व दिशा |
30 जनवरी 2025 | गुरुवार | रात्रि 8:13 से संपूर्ण रात्रि तक | पश्चिम और उत्तर |
यात्रा करने के लिए शुभ मुहूर्त को कैसे देखें?
अगर आप यात्रा करने के शुभ मुहूर्त को स्वयं देखना चाहते हैं। तो उसके लिए आपके पास पंचांग का होना अति आवश्यक है। क्योंकि ज्योतिषी पंचांग के माध्यम से ही नीचे बताए गए, नक्षत्र, तिथि, वार, लग्न, योग, करण आदि के बारे में जान पाएंगे। अब आप ज्योतिषी पंचांग में नीचे बताए गए शुभ नक्षत्र, तिथि, वार, लग्न, योग, करण आदि को देखें। जिस दिन बताए गए नक्षत्र, तिथि, वार, लग्न, योग, करण मिलते हैं। उसी दिन यात्रा करने का शुभ मुहूर्त बनता है। अब आप स्वयं यात्रा के लिए कोई शुभ मुहूर्त का चुनाव कर सकें। यात्रा का मुहूर्त देखने के लिए शुभ नक्षत्र, चंद्रवास, दिशाशूल, लग्न आदि के बारे में ज्ञान होना अति आवश्यक है।
इसलिए यहां पर नक्षत्र, चंद्रवास, दिशाशूल, लग्न आदि के बारे में बताया जा रहा है। जिससे आप बहुत ही आसानी के साथ समझ सकते हैं।
नक्षत्र – यात्रा करने के लिए कुछ शुभ नक्षत्र होते हैं। जो सबसे सर्वोत्तम नक्षत्र है। अश्विनी, पूनर्वसु, अनुराधा, मृगशिरा, पुष्य, रेवती, हस्त, श्रवण और धनिष्ठा यह सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र हैं। और रोहिणी, तीनों उत्तरा, तीनों पुर्वा, मूल, शतभिषा और ज्येष्ठा यह मध्य वर्ग की नक्षत्र है।
चंद्रवास – यात्रा करने के लिए चंद्रवास को देखना अति आवश्यक है। क्योंकि चंद्रवास से ही दिशा का ज्ञान होता है। कि किस दिशा में यात्रा करना श्रेष्ठ होगा।
चंद्रवास कैसे देखें?
चंद्रवास को देखने के लिए गोचर को देखना होगा। जिस दिन का मुहूर्त देखना चाहते हैं। उस दिन का गोचर में चंद्रमा को देखे कि चन्द्रमा किस राशि में है। चंद्रमा जिस राशि में रहेगा। उसी राशि के दिशा में यात्रा करना शुभ होता है।
यहां पर राशि के दिशा को दिया जा रहा है।
पूर्व दिशा – मेष, सिंह, धनु
दक्षिण दिशा – वृष, कन्या, मकर
पश्चिम दिशा – मिथुन, तुला, कुंभ
उत्तर दिशा – कर्क, वृश्चिक, मीन
दिन के अनुसार दिशा शूल
दिन के अनुसार दिशाशूल के बारे में जानेंगे। दिशाशूल किसे कहते हैं? जब कोई यात्रा किसी वार को किया जाता है। तो उस दिशा में की गई यात्रा कष्ट दाई और बाधा पूर्ण होती है। तो इसी ही दिशाशूल कहा जाता है। इसलिए सभी वार के लिए दिशाऐं निर्धारित की गई है। जिसमें यात्रा करना वर्जित है। तो हम जान लेते हैं। कि कौन-कौन से दिन को, कौन-कौन से दिशा में यात्रा करना वर्जित है।
• पूर्व दिशा – पूर्व दिशा में सोमवार और शनिवार को यात्रा करना वर्जित है।
• अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व) – अग्नि कोण में सोमवार और बृहस्पतिवार को यात्रा करना वर्जित है।
• दक्षिण दिशा – दक्षिण दिशा में गुरुवार को यात्रा करना वर्जित है।
• नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) – नैऋत्य कोण में रविवार और शुक्रवार को यात्रा करना वर्जित है।
• पश्चिम दिशा – पश्चिम दिशा में रविवार और शुक्रवार को यात्रा करना वर्जित है।
• वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) – वायव्य कोण में मंगलवार को यात्रा करना वर्जित है।
• उत्तर दिशा – उत्तर दिशा में मंगलवार और बुधवार को यात्रा करना वर्जित है।
• ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) – ईशान कोण में बुधवार और शनिवार को यात्रा करना वर्जित है।
दिशाशूल में यात्रा करने के उपाय क्या है?
अगर आप को दिशाशूल में यात्रा करना बेहद आवश्यक है। तो उसके लिए कुछ उपाय होते हैं। जिसको करने के बाद आप यात्रा का प्रारंभ कर सकते हैं। तो कुछ उपाय के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं। जिसको आप करके अपना यात्रा सुखमय बना सकते हैं।
• पूर्व दिशा में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको पूर्व दिशा में सोमवार और शनिवार को यात्रा करना पड़ जाए। तो सोमवार को यात्रा करने के लिए आप पुष्प खा ले या दर्पण देख ले, और शनिवार के लिए अदरक, तिल या उड़द खाकर यात्रा करें। लेकिन इससे पहले पांच कदम उल्टा चलें। और उसके बाद अपना यात्रा प्रारंभ करें।
• पश्चिम दिशा में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा करना पड़ जाए तो। उसके लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं। रविवार के लिए घी, पान या दलिया खाकर यात्रा करें। और शुक्रवार के लिए राई या जौ खाकर यात्रा करें। लेकिन इससे पहले 5 कदम उल्टा चलें। उसके बाद अपना यात्रा प्रारंभ करें।
• उत्तर दिशा में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको मंगलवार और बुधवार के दिन उत्तर दिशा में यात्रा करना पड़ जाए। तो उसके लिए कुछ उपाय करें। जिससे आपका यात्रा सुखमय रहेगा। मंगलवार के लिए आप यात्रा करने से पहले गुड खा ले, और बुधवार के लिए आप तिल या धनिया खाकर यात्रा करें। और यात्रा करने से पहले पांच कदम पीछे की तरफ चलें। आपका यात्रा शुभ फलदाई होगा।
• दक्षिण दिशा में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा करना पड़ जाए। तो उसके लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं। यात्रा प्रारंभ करने से पहले दहिया या जीरा खा ले। और 5 कदम पीछे चले। उसके बाद अपना यात्रा प्रारंभ करें।
• आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको सोमवार और गुरुवार को आग्नेय कोण में यात्रा करना पड़ जाए। उसके लिए उपाय हैं। सोमवार को यात्रा करने से पहले दर्पण देख ले, और गुरुवार को यात्रा करने से पहले दही या जीरा खा ले। इसके बाद 5 कदम पीछे चल कर, अपना यात्रा प्रारंभ करें। यात्रा सुख में रहेगा।
• नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको रविवार और शुक्रवार को नैऋत्य कोण में यात्रा करना पड़ जाए। तो उसके लिए यह उपाय करें। रविवार के यात्रा के लिए दलिया और घी खा ले, और अपने यात्रा प्रारंभ करें। और शुक्रवार के लिए जौ खाकर अपना यात्रा प्रारंभ करें। और यात्रा प्रारंभ करने से पहले 5 कदम पीछे चले। आपका यात्रा सुखमय होगा।
• वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको मंगलवार के दिन वायव्य कोण में यात्रा करना पड़ जाए। तो उसके लिए आप यह उपाय अपना सकते हैं। मंगलवार को यात्रा करने से पहले गुड़ खाकर और 5 कदम पीछे चल कर, अपना यात्रा प्रारंभ करें। आपका यात्रा शुभ होगा।
• ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में यात्रा करने के उपाय – अगर आपको बुधवार और शनिवार को ईशान कोण में यात्रा करना पड़ जाए। तो उसके लिए आप यह उपाय अपना सकते हैं। बुधवार को यात्रा प्रारंभ करने से पहले धनिया या तिल खाकर यात्रा प्रारंभ करें, और शनिवार को यात्रा प्रारंभ करने से पहले उड़द की दाल, अदरक या तिल खाकर यात्रा प्रारंभ करें। और यात्रा प्रारंभ करने से पहले 5 कदम पीछे चले। उसके बाद अपने यात्रा प्रारंभ करें। आपका यात्रा शुभ होगा।
किस नक्षत्र में यात्रा करना शुभ होता है?
यात्रा करने के लिए कुछ नक्षत्र होते हैं। जिनमें यात्रा किया जाए, तो यात्रा शुभ और लाभकारी होता है। आज हम उन्हीं नक्षत्रों के बारे में जानेंगे। कि वह कौन-कौन से नक्षत्र है? जिसमें यात्रा किया जाए उस शुभ फल प्राप्त होगा।
अश्विनी, पुनर्वसु, अनुराधा, मृगशिरा, पुष्प, रेवती, हस्त, श्रवण, धनिष्ठा आदि नक्षत्र यात्रा के लिए शुभ नक्षत्र होते हैं। जिनमें अगर यात्रा किया जाए। इसका फल शुभ प्राप्त होता है।
यात्रा के शुभ दिन कौन से हैं?
अब हम जान लेते हैं, कि किस दिन, किस दिशा में यात्रा करने से शुभ फल प्राप्त होता है। क्योंकि सभी दिशाओं में यात्रा करने के लिए अलग-अलग वार निर्धारित किए गए हैं। इसलिए इसको जानना बेहद आवश्यक है। कि कौन सा वार किस दिशा के लिए शुभ रहने वाला है।
किस दिन किस दिशा में यात्रा करना चाहिए?
• सोमवार को यात्रा करना – अगर आपको सोमवार के दिन यात्रा करना है। तो दक्षिण दिशा में शुभ माना जाता है।
• मंगलवार को यात्रा करना – मंगलवार को पूर्व और दक्षिण दिशा में यात्रा करना शुभ होता है।
• बुधवार को यात्रा करना – बुधवार को पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रा करना शुभ होता है।
• गुरुवार को यात्रा करना – गुरुवार को दक्षिण दिशा छोड़कर अन्य सभी दिशाओं में यात्रा करना शुभ होता है।
• शुक्रवार को यात्रा करना – शुक्रवार को शाम के समय यात्रा शुरू करते हैं तो वह आपके लिए शुभ फलदाई होता है।
• शनिवार को यात्रा करना – शनिवार के दिन यात्रा नहीं करना चाहिए। लेकिन अगर आप अपने घर आने की यात्रा करना चाहते हैं। तो उसको कर सकते हैं।
• रविवार को यात्रा करना – रविवार को पूर्व दिशा में किया गया यात्रा शुभ फलदाई होता है।
किस लग्न में यात्रा करना चाहिए?
यात्रा करने के लिए चर लग्न का होना अति आवश्यक है। क्योंकि चर लग्न में यात्रा किया गया सदा के लिए लाभकारी होता है। और यात्रा करके व्यक्ति जल्द वापस अपने घर आ जाता है। इसलिए चर लग्न में ही यात्रा किया जाना चाहिए।
चर लग्न – चर लग्न मेष, कर्क, तुला, मकर होता है।