17 फरवरी 2025 का पंचांग: तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल, चंद्रमा की स्थिति और शुभ मुहूर्त

आज का दिन और तिथि
- वार: सोमवार
- पक्ष: फाल्गुन कृष्ण पक्ष
- सूर्योदय: प्रातः 6:23 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:37 बजे
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना, जलाभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप और रुद्राभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। शिव उपासना से मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और कार्यों में सफलता मिलती है।
तिथि एवं नक्षत्र
- आज की तिथि: पंचमी (रात्रि 2:16 तक)
- अगली तिथि: षष्ठी (रात्रि 2:16 के बाद)
- आज का नक्षत्र: चित्रा (प्रातः 5:22 तक)
- अगला नक्षत्र: स्वाति (प्रातः 5:22 के बाद)
तिथि का महत्व
पंचमी तिथि देवी स्वरूपा को समर्पित होती है। इस दिन विद्या, ज्ञान, आध्यात्मिक साधना और धार्मिक कार्य करने से विशेष लाभ मिलता है।
नक्षत्र का प्रभाव
- चित्रा नक्षत्र: यह नक्षत्र सौंदर्य, कला, निर्माण, वास्तुशास्त्र और रचनात्मक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
- स्वाति नक्षत्र: व्यापार, शिक्षा, यात्रा और नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ होता है।
चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति
- चंद्रमा: शाम 4:30 तक कन्या राशि में रहेंगे, फिर तुला राशि में प्रवेश करेंगे।
- सूर्य: कुंभ राशि में स्थित है और धनिष्ठा नक्षत्र में है।
चंद्रमा का प्रभाव
कन्या राशि में चंद्रमा रहने से लोगों में अनुशासन, बुद्धिमत्ता और योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की प्रवृत्ति रहेगी। शाम 4:30 के बाद तुला राशि में प्रवेश से संतुलन, कूटनीति और सौंदर्य भावना प्रबल होगी। यह समय न्याय, रिश्तों और साझेदारी के मामलों में अनुकूल रहेगा।
ग्रहों का प्रभाव
कुंभ राशि में स्थित सूर्य धनिष्ठा नक्षत्र में होने से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ाने और आर्थिक उन्नति के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
आज के विशेष योग एवं मुहूर्त
- शूल योग समाप्ति: प्रातः 7:27 बजे
- गण्ड योग प्रारंभ: प्रातः 7:27 के बाद
योगों का प्रभाव
- शूल योग: यह योग सावधानीपूर्वक निर्णय लेने का संकेत देता है। इस समय किसी भी जोखिम भरे कार्यों से बचना चाहिए।
- गण्ड योग: यह योग मिलाजुला प्रभाव देता है। इस दौरान व्यापारिक मामलों में सतर्क रहना आवश्यक है।
राहु काल, यमघंटक काल और गुलिक काल
- राहु काल: सुबह 7:47 से 9:11 तक
- यमघंटक काल: सुबह 10:35 से 12:00 तक
- गुलिक काल: दोपहर 1:24 से 2:48 तक
राहु काल में कार्य न करें
राहु काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें, क्योंकि इस समय नकारात्मक ऊर्जा प्रभावी रहती है।
यमघंटक काल का प्रभाव
यह समय विशेष रूप से अशुभ माना जाता है। इस दौरान यात्रा या नया कार्य प्रारंभ करने से बचें।
गुलिक काल का महत्व
गुलिक काल शुभ माना जाता है, यदि इस समय कोई कार्य प्रारंभ किया जाए तो उसमें सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:36 से दोपहर 12:24 तक
यदि आप कोई महत्वपूर्ण कार्य करने की योजना बना रहे हैं, तो अभिजीत मुहूर्त का लाभ उठाएं।
ज्योतिषीय उपाय और शुभ कार्य
शुभ फल प्राप्त करने के लिए
- भगवान शिव का जलाभिषेक करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- घर में गौरी-शंकर रुद्राक्ष का पूजन करें।
- जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र, चावल और दूध का दान करें।
व्यापार और आर्थिक वृद्धि के लिए
- अभिजीत मुहूर्त में नए व्यापारिक सौदे करें।
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और उसके नीचे दीपक जलाएं।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए
- राहु दोष से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- मंदिर में जाकर शिवलिंग पर बेलपत्र और दूध अर्पित करें।