18 फरवरी 2025 का पंचांग: तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल, चंद्रमा की स्थिति और शुभ मुहूर्त

आज का दिन और तिथि
- वार: मंगलवार
- पक्ष: फाल्गुन कृष्ण पक्ष
- सूर्योदय: प्रातः 6:23 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:37 बजे
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान और मंगल ग्रह की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने, सुंदरकांड का पाठ करने और हनुमान मंदिर में दर्शन करने से विशेष लाभ मिलता है।
तिथि एवं नक्षत्र
- आज की तिथि: षष्ठी (पूरे दिन-रात्रि)
- अगली तिथि: सप्तमी (अगले दिन प्रातः 4:25 से)
- आज का नक्षत्र: स्वाति (पूरे दिन-रात्रि)
तिथि का महत्व
षष्ठी तिथि विशेष रूप से स्वास्थ्य, संतान सुख और देवी कात्यायनी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस तिथि में उपवास और पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
नक्षत्र का प्रभाव
स्वाति नक्षत्र: यह नक्षत्र व्यापार, यात्रा, नए कार्यों की शुरुआत और शिक्षा के लिए शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्यों में स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता बढ़ती है।
चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति
- चंद्रमा: पूरे दिन तुला राशि में रहेंगे।
- सूर्य: कुंभ राशि में शाम 7:49 तक रहेंगे, उसके बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
- सूर्य नक्षत्र: धनिष्ठा नक्षत्र में स्थित।
चंद्रमा का प्रभाव
तुला राशि में चंद्रमा होने से संतुलन, कूटनीति और न्यायप्रियता की प्रवृत्ति बढ़ेगी। यह समय व्यापारिक मामलों, साझेदारी और रिश्तों को मजबूत करने के लिए अनुकूल रहेगा।
सूर्य का प्रभाव
शाम 7:49 के बाद सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा, जिससे आध्यात्मिकता, संवेदनशीलता और सेवा भाव में वृद्धि होगी। यह समय धर्म, ध्यान और सेवा कार्यों के लिए श्रेष्ठ है।
आज के विशेष योग एवं मुहूर्त
- गण्ड योग समाप्ति: सुबह 8:02 तक रहेगा।
- वृद्धि योग प्रारंभ: सुबह 8:02 के बाद वृद्धि योग आरंभ हो जाएगा।
- रवि योग: पूरे दिन-रात्रि रहेगा
योगों का प्रभाव
- गण्ड योग: इसमें विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह कठिनाइयों को बढ़ाने वाला योग माना जाता है।
- वृद्धि योग: व्यापार, निवेश, संपत्ति क्रय, नए कार्यों की शुरुआत और करियर में उन्नति के लिए शुभ माना जाता है।
- रवि योग: सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला शुभ योग, जिसमें किए गए कार्य में सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।
राहु काल, यमघंटक काल और गुलिक काल
- राहु काल: दोपहर 2:48 से शाम 4:12 तक
- यमघंटक काल: सुबह 9:11 से 10:35 तक
- गुलिक काल: दोपहर 12:00 से 1:24 तक
राहु काल में कार्य न करें
राहु काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें, क्योंकि यह समय नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित रहता है।
यमघंटक काल का प्रभाव
यह समय विशेष रूप से अशुभ माना जाता है। इस दौरान यात्रा या नया कार्य प्रारंभ करने से बचें।
गुलिक काल का महत्व
गुलिक काल शुभ माना जाता है। इस समय में किए गए कार्य में सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:37 से दोपहर 12:22 तक
- विशेष शुभ मुहूर्त: लाल वस्त्र धारण करने, आभूषण निर्माण, वस्तु क्रय और ऑपरेशन करने का शुभ समय प्रातः 6:23 से पूरे दिन-रात्रि रहेगा।
ज्योतिषीय उपाय और शुभ कार्य
मंगल दोष और हनुमान जी की कृपा पाने के लिए
- हनुमान मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
- हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
- गरीबों को मसूर की दाल और गुड़ दान करें।
व्यापार और आर्थिक वृद्धि के लिए
- लाल रंग के कपड़े पहनना और मंगलवार के दिन मूंगा रत्न धारण करना शुभ माना जाता है।
- पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और मंगल ग्रह के लिए ऊँ अंगारकाय नमः मंत्र का जाप करें।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए
- हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाएं।
- “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- रक्तचाप और हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए लाल चंदन का तिलक लगाएं।
अस्वीकरण
यह पंचांग भारतीय वैदिक ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांग सूत्रों और परंपराओं पर आधारित है।
- यह जानकारी केवल सामान्य धार्मिक और ज्योतिषीय संदर्भ के लिए दी गई है। यह स्थान, समय और व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार भिन्न हो सकती है।
- किसी भी शुभ कार्य, व्रत, पूजा, मुहूर्त निर्धारण या निर्णय लेने से पहले किसी योग्य ज्योतिषाचार्य या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।
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