19 फरवरी 2025 का पंचांग: तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल, चंद्रमा की स्थिति और शुभ मुहूर्त

आज का दिन और तिथि
- वार: बुधवार
- पक्ष: फाल्गुन कृष्ण पक्ष
- सूर्योदय: प्रातः 6:22 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:38 बजे
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने, दूर्वा अर्पित करने और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
तिथि एवं नक्षत्र
- आज की तिथि: सप्तमी (पूरे दिन-रात्रि)
- आज का नक्षत्र: स्वाति (प्रातः 7:57 तक)
- अगला नक्षत्र: विशाखा (प्रातः 7:57 के बाद)
तिथि का महत्व
सप्तमी तिथि सूर्यदेव को समर्पित मानी जाती है। इस दिन सूर्य देवता की उपासना करने से आरोग्य और शक्ति की प्राप्ति होती है।
नक्षत्र का प्रभाव
- स्वाति नक्षत्र: व्यापार, शिक्षा, यात्रा और स्वतंत्र कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
- विशाखा नक्षत्र: यह नक्षत्र नई शुरुआत, आध्यात्मिक उन्नति और लक्ष्य प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ होता है।
चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति
- चंद्रमा: मध्य रात्रि तक तुला राशि में रहेंगे, फिर रात्रि 3:46 पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
- सूर्य: पूरे दिन मीन राशि में रहेंगे।
- सूर्य नक्षत्र:
- शाम 4:12 तक: धनिष्ठा नक्षत्र
- शाम 4:12 के बाद: शतभिषा नक्षत्र
चंद्रमा का प्रभाव
तुला राशि में चंद्रमा रहने से न्यायप्रियता, कूटनीति और सौंदर्य की भावना प्रबल होगी। रात 3:46 के बाद वृश्चिक राशि में प्रवेश करने से मनोभावों में तीव्रता आ सकती है।
सूर्य का प्रभाव
मीन राशि में स्थित सूर्य आध्यात्मिक ऊर्जा, संवेदनशीलता और सेवा भाव को बढ़ाएगा।
आज के विशेष योग एवं मुहूर्त
- वृद्धि योग समाप्ति: सुबह 8:34
- ध्रुव योग प्रारंभ: सुबह 8:34 के बाद
- रवि योग:
- प्रातः 7:57 तक
- फिर शाम 4:12 से अगले दिन सुबह 10:22 तक
योगों का प्रभाव
- वृद्धि योग: व्यापार, निवेश, संपत्ति क्रय और करियर में उन्नति के लिए शुभ।
- ध्रुव योग: यह स्थायित्व प्रदान करता है, दीर्घकालिक योजनाओं के लिए उत्तम।
- रवि योग: यह शुभ कार्यों को सिद्ध करने वाला योग है, इस दौरान किए गए कार्य सफल होते हैं।
राहु काल, यमघंटक काल और गुलिक काल
- राहु काल: दोपहर 12:00 से 1:24 तक
- यमघंटक काल: सुबह 7:46 से 9:11 तक
- गुलिक काल: सुबह 10:35 से 12:00 तक
राहु काल में कार्य न करें
राहु काल में कोई भी शुभ कार्य न करें, क्योंकि यह समय नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है।
यमघंटक काल का प्रभाव
इस दौरान यात्रा या नया कार्य प्रारंभ करने से बचें।
गुलिक काल का महत्व
गुलिक काल में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं।
भद्रा और शुभ मुहूर्त
- भद्रा काल: प्रातः 4:25 से शाम 5:23 तक
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:37 से दोपहर 12:22 तक
यदि आप कोई महत्वपूर्ण कार्य करने की योजना बना रहे हैं, तो अभिजीत मुहूर्त का लाभ उठाएं।
विशेष पर्व एवं छत्रपति शिवाजी जयंती
आज छत्रपति शिवाजी जयंती मनाई जाती है। यह दिन भारत के वीर योद्धा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन वीरता, नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति की भावना को याद किया जाता है।
ज्योतिषीय उपाय और शुभ कार्य
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए
- हरे रंग के वस्त्र पहनें।
- गाय को हरा चारा खिलाएं।
- “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें।
व्यापार और आर्थिक वृद्धि के लिए
- व्यापारिक गतिविधियां अभिजीत मुहूर्त में करें।
- गणेश मंदिर में दूर्वा अर्पित करें।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए
- भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
- जरूरतमंदों को हरी सब्जियां और फल दान करें।