6 मार्च 2025 पंचांग: आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, होलाष्टक कब शुरू होगा?

आज का दिन क्यों है विशेष?
आज गुरुवार, 6 मार्च 2025 है। यह दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 3:03 बजे तक प्रभावी रहेगी, जिसके बाद अष्टमी तिथि आरंभ होगी।
इसके अलावा, आज से होलाष्टक की शुरुआत हो रही है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक रहता है। इस दौरान शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, सगाई, आदि वर्जित होते हैं।
आज कामदा सप्तमी व्रत भी है, जो संतान सुख, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
6 मार्च 2025 का विस्तृत पंचांग
सूर्य और चंद्र ग्रह स्थिति
- सूर्योदय: प्रातः 6:11
- सूर्यास्त: शाम 5:49
- सूर्य की स्थिति: मीन राशि (पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में)
- चंद्रमा की स्थिति: वृषभ राशि
आज की तिथि एवं अन्य विवरण
विवरण | समय / स्थिति |
---|---|
तिथि | सप्तमी (दोपहर 3:03 तक), फिर अष्टमी |
नक्षत्र | रोहिणी (रात्रि 3:57 तक), फिर मृगशिरा |
योग | विष्कुंभ (रात्रि 12:17 तक), फिर प्रीति |
राहु काल | दोपहर 1:27 से 2:54 |
यमगंड काल | प्रातः 6:11 से 7:38 |
गुलिक काल | सुबह 9:05 से 10:32 |
भद्रा काल | दोपहर 3:03 से रात 2:05 |
राहुकाल, यमगंड और भद्राकाल में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
6 मार्च 2025 के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त (सर्वोत्तम समय)
- सुबह 11:36 से दोपहर 12:23 तक
शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त
कार्य | शुभ समय |
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व्यापार आरंभ | सुबह 6:36 से दोपहर 3:03 |
गृह प्रवेश | सुबह 9:45 से 11:37 |
ऑपरेशन (सर्जरी) | सुबह 8:04 से 9:41, दोपहर 1:51 से 3:03 |
वधू प्रवेश | प्रातः 6:11 से 6:36, सुबह 9:41 से 11:36 |
गौना संस्कार | सुबह 6:36 से 8:04, सुबह 11:36 से दोपहर 1:51 |
अन्नप्राशन | सुबह 9:41 से दोपहर 3:03 |
नामकरण संस्कार | सुबह 6:36 से 9:41, दोपहर 1:51 से शाम 4:09 |
प्रस्तुति स्नान (शुभ नहाने का समय) | सुबह 6:36 से 8:04, सुबह 9:41 से दोपहर 3:03 |
इन मुहूर्तों में किए गए कार्य विशेष शुभ फलदायी होंगे।
आज के व्रत एवं त्योहार
1. कामदा सप्तमी व्रत
आज कामदा सप्तमी व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से संतान सुख, उत्तम स्वास्थ्य और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
कामदा सप्तमी पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
- गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं और भगवान सूर्य की आरती करें।
- जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करें।
इस व्रत को करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और कष्ट दूर होते हैं।
2. होलाष्टक आरंभ (शुभ कार्यों पर रोक)
आज से होलाष्टक की शुरुआत हो रही है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक रहता है।
होलाष्टक का महत्व और प्रभाव
- होलाष्टक के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, सगाई, नए व्यापार की शुरुआत आदि वर्जित होते हैं।
- इस अवधि में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
- केवल भक्ति, दान-पुण्य, होली की तैयारी और हवन आदि कार्य किए जा सकते हैं।
होलाष्टक का प्रभाव कहाँ लगता है?
- व्यास, रवि, त्रिपुष्कर क्षेत्र में होलाष्टक दोष होता है।
- अन्य स्थानों पर इसका प्रभाव नहीं माना जाता।
होलाष्टक में क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
- होलिका दहन की तैयारी करें।
- भक्ति, ध्यान, और साधना करें।
- घर की साफ-सफाई करें और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाले कार्य करें।
क्या न करें:
- विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, व्यापार की शुरुआत आदि।
- किसी नए कार्य की शुरुआत करना वर्जित है।
होलाष्टक के बाद ही शुभ कार्य किए जाने चाहिए।
6 मार्च 2025 का निष्कर्ष
- आज का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज से होलाष्टक आरंभ हो रहा है।
- कामदा सप्तमी व्रत का विशेष महत्व है, जो संतान सुख और समृद्धि प्रदान करता है।
- शुभ कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त उपलब्ध हैं, लेकिन होलाष्टक को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।
- राहुकाल और भद्राकाल में शुभ कार्य करने से बचें।
- आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा और दान-पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है।
क्या करें?
- भगवान सूर्य की पूजा करें।
- दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
- होली की तैयारियां शुरू करें।
- होलाष्टक में भक्ति और साधना करें।
क्या न करें?
- विवाह, गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन जैसे शुभ कार्य न करें।
- किसी नए कार्य की शुरुआत न करें।
- राहुकाल और भद्राकाल में कार्य न करें।
आज के दिन भगवान सूर्य की आराधना और सत्कर्म करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।