20 फरवरी 2025 का पंचांग: तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल, चंद्रमा की स्थिति और शुभ मुहूर्त

आज का दिन और तिथि
- वार: गुरुवार
- पक्ष: फाल्गुन कृष्ण पक्ष
- सूर्योदय: प्रातः 6:21 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:39 बजे
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करना, विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना और गुरु ग्रह के लिए उपाय करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
तिथि एवं नक्षत्र
- आज की तिथि: सप्तमी (प्रातः 6:21 तक)
- अगली तिथि: अष्टमी (प्रातः 6:21 के बाद)
- आज का नक्षत्र: विशाखा (सुबह 10:22 तक)
- अगला नक्षत्र: अनुराधा (सुबह 10:22 के बाद)
तिथि का महत्व
अष्टमी तिथि देवी दुर्गा को समर्पित मानी जाती है। इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ और शक्ति की उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
नक्षत्र का प्रभाव
- विशाखा नक्षत्र: व्यापार, शिक्षा, नई योजनाओं और आध्यात्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
- अनुराधा नक्षत्र: यह मित्रता, प्रेम, भक्ति और संगठनात्मक कार्यों के लिए श्रेष्ठ होता है।
चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति
- चंद्रमा: वृश्चिक राशि में रहेंगे।
- सूर्य: मीन राशि में रहेंगे।
- सूर्य नक्षत्र:
- शतभिषा नक्षत्र में स्थित।
चंद्रमा का प्रभाव
वृश्चिक राशि में चंद्रमा होने से गहरे विचार, तीव्र भावनाएं और मानसिक दृढ़ता बढ़ेगी। यह समय अनुसंधान, रहस्यों को समझने और गुप्त कार्यों के लिए अनुकूल रहेगा।
सूर्य का प्रभाव
मीन राशि में स्थित सूर्य आत्मविश्लेषण, संवेदनशीलता और आध्यात्मिकता को प्रबल करेगा।
आज के विशेष योग एवं मुहूर्त
- ध्रुव योग समाप्ति: सुबह 8:57
- व्याघात योग प्रारंभ: सुबह 8:57 के बाद
- रवि योग:
- सुबह 10:22 तक रहेगा।
- सर्वार्थ सिद्धि योग:
- सुबह 10:22 से पूरे दिन रात्रि तक रहेगा।
योगों का प्रभाव
- ध्रुव योग: स्थायित्व प्रदान करने वाला योग, दीर्घकालिक योजनाओं के लिए उत्तम।
- व्याघात योग: सतर्क रहने की आवश्यकता, यह बाधा उत्पन्न कर सकता है।
- रवि योग: सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला शुभ योग।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग में किए गए कार्य सिद्ध होते हैं और सफलता प्राप्त होती है।
राहु काल, यमगंड काल और गुलिक काल
- राहु काल: दोपहर 1:24 से 2:49 तक
- यमगंड काल: प्रातः 6:21 से 7:45 तक
- गुलिक काल: सुबह 9:10 से 10:35 तक
राहु काल में कार्य न करें
राहु काल में कोई भी शुभ कार्य न करें, क्योंकि यह समय नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है।
यमगंड काल का प्रभाव
इस दौरान यात्रा या नया कार्य प्रारंभ करने से बचें।
गुलिक काल का महत्व
गुलिक काल में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं।
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:37 से 12:22 तक
- विशेष शुभ मुहूर्त:
- वधू प्रवेश: सुबह 10:34 से दोपहर 12:30 तक
- गौना करने का शुभ मुहूर्त: दोपहर 12:30 से 2:40 तक
- नवीन वस्त्र धारण, व्यापार, वाहन खरीदने, औषधि सेवन, शिल्प विद्या आरंभ करने का शुभ समय: सुबह 10:22 से पूरे दिन रात्रि तक
विशेष पर्व एवं उत्सव
जानकी जयंती
यह दिन माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माता सीता की पूजा करने, रामचरितमानस का पाठ करने और गरीबों को अन्न दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
अष्टका श्राद्ध
यह दिन पितरों को तर्पण और श्राद्ध करने के लिए विशेष होता है। इस दिन पितरों के लिए जल अर्पित करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है।
ज्योतिषीय उपाय और शुभ कार्य
बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए
- पीले वस्त्र धारण करें।
- केले के वृक्ष की पूजा करें।
- “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें।
व्यापार और आर्थिक वृद्धि के लिए
- व्यापारिक गतिविधियां अभिजीत मुहूर्त में करें।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए
- भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें।
- जरूरतमंदों को चने और गुड़ दान करें।