21 फरवरी 2025 का पंचांग: तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल, चंद्रमा की स्थिति और शुभ मुहूर्त

आज का दिन और तिथि
- वार: शुक्रवार
- पक्ष: फाल्गुन कृष्ण पक्ष
- सूर्योदय: प्रातः 6:20 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:40 बजे
शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन, विष्णु सहस्रनाम का पाठ और दान-पुण्य करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
तिथि एवं नक्षत्र
- आज की तिथि: अष्टमी (सुबह 8:02 तक)
- अगली तिथि: नवमी (सुबह 8:02 के बाद)
- आज का नक्षत्र: अनुराधा (दोपहर 12:30 तक)
- अगला नक्षत्र: ज्येष्ठा (दोपहर 12:30 के बाद)
तिथि का महत्व
नवमी तिथि को शक्ति की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन दुर्गा पूजा और देवी पाठ करने से विशेष फल मिलता है।
नक्षत्र का प्रभाव
- अनुराधा नक्षत्र: यह नक्षत्र भक्ति, मित्रता और परिश्रम को दर्शाता है। व्यापार और शिक्षा के लिए अनुकूल है।
- ज्येष्ठा नक्षत्र: यह नक्षत्र नेतृत्व क्षमता और दृढ़ संकल्प को बढ़ाने वाला होता है। नई जिम्मेदारियों के लिए अच्छा समय है।
चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति
- चंद्रमा: वृश्चिक राशि में रहेंगे।
- सूर्य: मीन राशि में रहेंगे।
- सूर्य नक्षत्र: शतभिषा नक्षत्र में स्थित।
चंद्रमा का प्रभाव
वृश्चिक राशि में चंद्रमा गहरी सोच, आत्मनिरीक्षण और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। यह समय आत्मविश्लेषण और योजनाओं की समीक्षा के लिए उपयुक्त है।
सूर्य का प्रभाव
मीन राशि में स्थित सूर्य आध्यात्मिकता, संवेदनशीलता और कलात्मक अभिव्यक्ति को प्रबल करेगा।
आज के विशेष योग एवं मुहूर्त
- व्याघात योग समाप्ति: सुबह 9:07
- हर्षण योग प्रारंभ: सुबह 9:07 के बाद
योगों का प्रभाव
- व्याघात योग: इस योग में सावधानी रखनी चाहिए, यह कुछ बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।
- हर्षण योग: यह मनोबल बढ़ाने वाला और आत्मिक शांति देने वाला योग है।
राहु काल, यमगंड काल और गुलिक काल
- राहु काल: सुबह 10:35 से दोपहर 12:00 तक
- यमगंड काल: दोपहर 2:50 से शाम 4:15 तक
- गुलिक काल: सुबह 7:45 से 9:10 तक
राहु काल में कार्य न करें
राहु काल में कोई भी शुभ कार्य न करें, क्योंकि यह समय नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है।
यमगंड काल का प्रभाव
इस दौरान यात्रा या नया कार्य प्रारंभ करने से बचें।
गुलिक काल का महत्व
गुलिक काल में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं।
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:37 से 12:22 तक
- विशेष शुभ मुहूर्त:
- व्यापार प्रारंभ: सुबह 7:25 से 8:02 तक
- वधू प्रवेश: प्रातः 6:20 से 7:25 तक
- गौना मुहूर्त: सुबह 7:25 से 8:02 तक
- नवीन वस्त्र धारण, नवनिर्माण, वाहन क्रय, वाटिका रोपण का शुभ समय: प्रातः 6:20 से सुबह 8:02 तक
ज्योतिषीय उपाय और शुभ कार्य
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए
- सफेद वस्त्र धारण करें।
- माता लक्ष्मी की पूजा करें और कमल का फूल अर्पित करें।
- “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
व्यापार और आर्थिक वृद्धि के लिए
- व्यापारिक गतिविधियां शुभ मुहूर्त में करें।
- भगवान विष्णु की आराधना करें।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए
- माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।
- जरूरतमंदों को वस्त्र और अन्न दान करें।
नोट: यह सामग्री केवल मार्गदर्शन और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान की गई है। इसे अंतिम निर्णय का आधार न बनाएं।
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