आज का पंचांग 22 फरवरी 2025: तिथि, नक्षत्र, योग और शुभ मुहूर्त
भारतीय संस्कृति और धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। यह एक ज्योतिषीय कैलेंडर होता है, जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण और अन्य खगोलीय घटनाओं की जानकारी दी जाती है। पंचांग के माध्यम से शुभ मुहूर्त, राहुकाल, ग्रह स्थिति और अन्य ज्योतिषीय प्रभावों को समझा जा सकता है।

आज का यह 22 फरवरी 2025, शनिवार के पंचांग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है, ताकि आप अपने दिन की योजना धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बेहतर बना सकें।
दिन और तिथि
- दिनांक: 22 फरवरी 2025, शनिवार
- पक्ष: फाल्गुन कृष्ण पक्ष
- तिथि: नवमी तिथि सुबह 9:17 तक, उसके बाद दशमी तिथि आरंभ होगी।
- सूर्योदय: प्रातः 6:20 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:40 बजे
दशमी तिथि का महत्व
दशमी तिथि का संबंध भगवान विष्णु से है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं। यह तिथि व्यापार और नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ मानी जाती है।
नक्षत्र
- ज्येष्ठा नक्षत्र: दोपहर 2:12 तक रहेगा।
- मूल नक्षत्र: इसके बाद मूल नक्षत्र प्रारंभ होगा।
नक्षत्रों का प्रभाव
- ज्येष्ठा नक्षत्र में किए गए कार्यों में सफलता मिल सकती है, लेकिन इस दौरान व्यक्ति को अपने गुप्त शत्रुओं से सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
- मूल नक्षत्र में जीवन में कुछ अप्रत्याशित बदलाव हो सकते हैं। इस नक्षत्र के दौरान बड़े फैसले लेने से बचना चाहिए।
योग
- हर्षण योग: सुबह 8:57 तक रहेगा।
- व्रज योग: इसके बाद व्रज योग प्रारंभ होगा।
योगों का प्रभाव
- हर्षण योग में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं। इस योग में नई योजनाओं की शुरुआत करना अच्छा माना जाता है।
- व्रज योग में व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि इस दौरान विवाद और रुकावटें उत्पन्न हो सकती हैं।
चंद्रमा की स्थिति
- आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में दोपहर 2:12 तक रहेंगे।
- इसके बाद धनु राशि में प्रवेश करेंगे।
चंद्रमा की चाल और प्रभाव
- वृश्चिक राशि में चंद्रमा मानसिक तनाव बढ़ा सकता है। इस समय भावनाओं पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
- धनु राशि में प्रवेश करने के बाद आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और व्यक्ति ऊर्जा से भरा महसूस करेगा।
सूर्य की स्थिति
- सूर्य मीन राशि में स्थित हैं।
- सूर्य शतभिषा नक्षत्र में हैं।
सूर्य का प्रभाव
- मीन राशि में सूर्य आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने वाला माना जाता है। इस दौरान ध्यान और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ सकती है।
- शतभिषा नक्षत्र में सूर्य रहने से चिकित्सा, शोध और तकनीकी कार्यों में उन्नति होने की संभावना रहती है।
अशुभ समय (राहुकाल और अन्य)
- राहुकाल: सुबह 9:10 से 10:35 तक
- यमगंड काल: दोपहर 1:25 से 2:50 तक
- गुलिक काल: सुबह 6:20 से 7:45 तक
राहुकाल और यमगंड काल का प्रभाव
- राहुकाल और यमगंड काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए।
- इन समयों में विवाह, व्यापार, यात्रा और महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:37 से दोपहर 12:22 तक
- शस्त्र निर्माण का शुभ मुहूर्त: सुबह 9:17 से पूरे दिन रात्रि तक
शुभ मुहूर्त का महत्व
- अभिजीत मुहूर्त किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए सर्वोत्तम समय होता है। इस दौरान किए गए कार्य सफलता प्रदान करते हैं।
- शस्त्र निर्माण का मुहूर्त नए वाहन, मशीनरी, औजार आदि खरीदने के लिए उत्तम माना जाता है।
भद्रा और मृत्युबाण
- भद्रा: रात्रि 9:42 से अगले दिन सुबह 10:05 तक रहेगी।
- मृत्युबाण: रात्रि 11:24 से अगले दिन तक प्रभावी रहेगा।
भद्रा और मृत्युबाण का प्रभाव
- भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
- मृत्युबाण के दौरान कोई भी बड़ा निर्णय लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह हानिकर माना जाता है।
आज के लिए ज्योतिषीय सलाह
शुभ कार्य और उपाय
- अभिजीत मुहूर्त में कार्यों की शुरुआत करना शुभ रहेगा।
- भगवान विष्णु और शनिदेव की पूजा करें।
- गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें, इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी।
सावधानियां
- राहुकाल में कोई महत्वपूर्ण कार्य न करें।
- चंद्रमा के राशि परिवर्तन के कारण मन में अस्थिरता आ सकती है, अतः धैर्य बनाए रखें।
- व्रज योग के प्रभाव से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
आपका दिन मंगलमय हो!
नोट: यह सामग्री केवल मार्गदर्शन और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान की गई है। इसे अंतिम निर्णय का आधार न बनाएं।
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