17 मार्च 2025 पंचांग: संकष्टी चतुर्थी व्रत, छत्रपति शिवाजी जयंती, शुभ मुहूर्त और चंद्रदर्शन का समय
आज 17 मार्च 2025, सोमवार का पंचांग: तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त, संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत, चंद्रदर्शन का समय (रात 8:49 बजे) और छत्रपति शिवाजी जयंती की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।

आज का पंचांग (17 मार्च 2025, सोमवार)
हिंदू पंचांग के अनुसार आज चैत्र कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है, जो शाम 4:50 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ होगी। यह दिन संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत और छत्रपति शिवाजी जयंती के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
दिन व तिथि की जानकारी
- वार: सोमवार
- पक्ष: चैत्र कृष्ण पक्ष
- तिथि: तृतीया (शाम 4:50 बजे तक), इसके बाद चतुर्थी तिथि
- नक्षत्र: चित्रा (दोपहर 12:31 बजे तक), इसके बाद स्वाति
- योग: ध्रुव (दोपहर 1:51 बजे तक), इसके बाद व्याघात
- चंद्रमा की स्थिति: तुला राशि
- सूर्य की स्थिति: मीन राशि, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: प्रातः 6:02 बजे
- सूर्यास्त: शाम 5:58 बजे
शुभ और अशुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त (पूजा और शुभ कार्यों के लिए)
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:23 बजे तक
- यायीजय योग (मुकदमा दायर करने के लिए शुभ समय): दोपहर 12:31 बजे से शाम 4:50 बजे तक
अशुभ मुहूर्त (महत्वपूर्ण कार्यों से बचें)
- राहुकाल: सुबह 7:31 बजे से 9:01 बजे तक
- यमगंड काल: सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
- गुलिक काल: दोपहर 1:29 बजे से 2:59 बजे तक
- भद्रा काल: प्रातः 3:45 बजे से शाम 4:50 बजे तक
आज का विशेष पर्व और व्रत
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत
आज संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना करने से सभी विघ्न दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
पूजा विधि:
- व्रती को दिनभर उपवास रखना चाहिए और गणेशजी की पूजा करनी चाहिए।
- चतुर्थी तिथि समाप्त होने के बाद चंद्रदर्शन करना आवश्यक होता है।
- चंद्रदर्शन का समय: रात 8:49 बजे
- चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए।
छत्रपति शिवाजी जयंती
आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती भी मनाई जा रही है। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था, लेकिन महाराष्ट्र में शिव जयंती तिथि के अनुसार मनाई जाती है, जो इस वर्ष 17 मार्च को पड़ रही है।
शिवाजी महाराज के महत्वपूर्ण योगदान:
- उन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया।
- वे एक कुशल रणनीतिकार और न्यायप्रिय शासक थे।
- उन्होंने “स्वराज्य” की अवधारणा को मजबूत किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा बने।
आज के दिन क्या करें और क्या न करें?
क्या करें?
- भगवान गणेश की पूजा करें और संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखें।
- शुभ मुहूर्त में नए कार्यों की शुरुआत करें।
- शिवाजी महाराज की जयंती पर उनकी शिक्षाओं को अपनाएं।
क्या न करें?
- राहुकाल और अशुभ मुहूर्त में कोई बड़ा निर्णय न लें।
- बिना चंद्रदर्शन किए संकष्टी चतुर्थी व्रत न तोड़ें।
आज 17 मार्च 2025 को संकष्टी चतुर्थी और छत्रपति शिवाजी जयंती का पावन पर्व है। भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत और पूजा करें, और शिवाजी महाराज की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं। शुभ मुहूर्त का लाभ उठाकर अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करें।
जय श्री गणेश! जय शिवाजी महाराज!