पूजा घर कहाँ बनवाना चाहिए? | वास्तु शास्त्र अनुसार सही दिशा, स्थान और नियम
हर घर में एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहाँ शांति, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो – और वही होता है पूजा घर। भारत में धार्मिक आस्था के अनुसार, घर में ईश्वर का वास बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि पूजा घर सही दिशा और स्थान पर न हो, तो इसका प्रभाव नकारात्मक भी हो सकता है?

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे:
- पूजा घर की सही दिशा कौन-सी है?
- घर में मंदिर बनाने के वास्तु नियम
- फ्लैट या छोटे घरों में पूजा घर कहाँ बनाएं?
- किन स्थानों पर मंदिर न बनाएं?
- वास्तु दोष से कैसे बचें?
- सामान्य सवाल और उनके उत्तर
1. वास्तु शास्त्र अनुसार पूजा घर की सही दिशा क्या है?
1.1 ईशान कोण — सबसे शुभ दिशा
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को देवताओं की दिशा माना जाता है। यह वह दिशा है जहाँ से सूर्य की पहली किरणें आती हैं। इस दिशा में मंदिर या पूजा घर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति और समृद्धि आती है।
टिप: पूजा करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
1.2 अन्य वैकल्पिक शुभ दिशाएं
- पूर्व दिशा: ध्यान और साधना के लिए उपयुक्त
- उत्तर दिशा: आर्थिक उन्नति में सहायक
- उत्तर-पूर्व कोना (ईशान कोण): सर्वोत्तम विकल्प
2. किन स्थानों पर पूजा घर नहीं बनाना चाहिए? (वास्तु दोष)
2.1 अशुभ स्थान जहां मंदिर न बनाएं:
- बाथरूम के पास या ऊपर-नीचे
- सीढ़ियों के नीचे
- बेडरूम (विशेषकर विवाहित जोड़ों का)
- किचन के अंदर अगर गंदगी और चूल्हे के पास हो
- स्टोर रूम में जहां कबाड़ रखा हो
नोट: अगर ज़रूरत हो तो कुछ उपायों से इन स्थानों में भी सीमित रूप से पूजा घर बनाया जा सकता है, परंतु प्राथमिकता हमेशा ईशान कोण को दें।
3. पूजा घर के लिए वास्तु नियम
3.1 मंदिर बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- मंदिर हमेशा लकड़ी का होना चाहिए, संगमरमर भी चलता है।
- मंदिर में काली वस्तुएँ या रंग न रखें।
- भगवान की मूर्तियाँ 7 इंच से बड़ी नहीं होनी चाहिए।
- मूर्तियाँ दीवार से थोड़ी दूरी पर रखें।
- मंदिर में दर्पण न लगाएं।
- मंदिर के पास जल का स्रोत (जैसे लोटा या कलश) रखें।
- रोज़ाना सफाई और दीपक जलाना अत्यंत आवश्यक है।
4. छोटे घर या फ्लैट में पूजा घर कहाँ बनाएं?
4.1 सीमित स्थान में समाधान:
- दीवार में शेल्फ टाइप मंदिर
- फोल्डेबल मंदिर जो पूजा के समय खोला जा सके
- लकड़ी की मंदिर कैबिनेट जो कमरे के किसी कोने में फिट हो
- किचन का उत्तर-पूर्व कोना, बशर्ते वह साफ-सुथरा और शांत हो
बोनस टिप: वॉल माउंटेड मंदिर में छोटी घंटी, दीपक और अगरबत्ती स्टैंड फिट कर सकते हैं।
5. पूजा घर में क्या करें और क्या न करें?
5.1 करें (Do’s)
- रोज़ाना पूजा करें
- दीपक जलाएं
- मंदिर को साफ रखें
- पूजा के समय मोबाइल ऑफ रखें
- पूजा घर में शांत वातावरण बनाए रखें
5.2 न करें (Don’ts)
- टूटी हुई मूर्ति या फोटो न रखें
- मंदिर में पैसा या चाबी न रखें
- मंदिर को स्टोरेज की तरह न इस्तेमाल करें
- पूजा घर के नीचे जूते-चप्पल न रखें
6. पूजा घर के लिए उपयुक्त रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर में हल्के और शांत रंगों का प्रयोग शुभ होता है। जैसे:
- सफेद
- हल्का पीला
- क्रीम
- हल्का गुलाबी
न करें: काले, नीले या गहरे रंगों का प्रयोग।
7. मोबाइल मंदिर और पोर्टेबल पूजा घर
आजकल बाजार में कई प्रकार के मोबाइल या पोर्टेबल मंदिर उपलब्ध हैं, जो यात्रा या किराए के घरों में बहुत उपयोगी होते हैं। इन्हें आसानी से कहीं भी सेट किया जा सकता है और वास्तु दिशा के अनुसार घुमाया भी जा सकता है।
8. वास्तु दोष हो तो क्या करें? सरल उपाय
- अगर पूजा घर गलत दिशा में है, तो वहाँ पीतल का पंचमुखी दीपक रखें।
- उत्तर-पूर्व दिशा में गंगाजल का छिड़काव करें।
- नियमित रूप से भगवान विष्णु या शिव का जाप करें।
- पूजा घर में स्फटिक का शिवलिंग या क्रिस्टल बॉल रखें।
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FAQs — पूजा घर से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1: क्या बेडरूम में पूजा घर रख सकते हैं?
यदि बहुत मजबूरी हो तो पूजा घर को पर्दे से ढक दें और शयन करते समय उस ओर पैर न करें।
Q2: पूजा घर में कितनी मूर्तियाँ रखनी चाहिए?
प्रत्येक देवता की एक ही मूर्ति रखें। अधिक मूर्तियाँ रखना मानसिक भ्रम और ऊर्जा असंतुलन का कारण बन सकता है।
Q3: क्या पूजा घर में तिजोरी रख सकते हैं?
नहीं, पूजा घर को सिर्फ पूजा के लिए ही समर्पित रखें। तिजोरी रखने के लिए दक्षिण दिशा उपयुक्त मानी जाती है।
Q4: क्या पूजा घर रसोई में बनाया जा सकता है?
अगर उत्तर-पूर्व कोना खाली है और साफ-सुथरा है, तो आप छोटा मंदिर बना सकते हैं। मगर गैस स्टोव के पास नहीं बनाना चाहिए।
पूजा घर सही दिशा में होगा तो मिलेगा आशीर्वाद और शांति
पूजा घर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि पूरे घर की ऊर्जा का केंद्र होता है। यदि आप वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर की दिशा, स्थान और नियमों का पालन करते हैं, तो निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और शांति बनी रहेगी।
याद रखें: घर का ईशान कोण सबसे पवित्र होता है — वहाँ ईश्वर का वास हो, तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल सकता है।