आज का पंचांग 24 अप्रैल 2025 – तिथि, नक्षत्र, व्रत, शुभ मुहूर्त और ग्रह स्थिति

आज का पंचांग 24 अप्रैल 2025
1. दिनांक व वार
- तारीख: 24 अप्रैल 2025
- दिन: गुरुवार
- हिन्दू मास व पक्ष: वैशाख मास, कृष्ण पक्ष
2. तिथि
- तिथि: एकादशी (प्रातः 9:55 बजे तक), इसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ होगी।
- तिथि का महत्त्व: आज वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जा रहा है, जो भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित है।
3. नक्षत्र
- शतभिषा नक्षत्र (प्रातः 6:35 बजे तक), इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र शुरू होगा।
- नक्षत्र का प्रभाव: शतभिषा नक्षत्र में आरंभ होने वाले कार्यों में स्थिरता आती है, जबकि पूर्वा भाद्रपद आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
4. योग
- ब्रह्म योग (दोपहर 12:18 बजे तक), इसके बाद ऐंद्र योग प्रारंभ होगा।
- ब्रह्म योग: अत्यंत शुभ माना जाता है, विशेष रूप से पूजा-पाठ और अध्ययन के लिए।
- ऐंद्र योग: कार्यों में रचनात्मकता और उत्साह प्रदान करता है।
5. सूर्योदय और सूर्यास्त
- सूर्योदय: प्रातः 5:36 बजे
- सूर्यास्त: शाम 6:24 बजे
6. चंद्र और सूर्य की स्थिति
- चंद्रमा: कुंभ राशि में (रात्रि 11:43 बजे तक), फिर मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
- सूर्य: मेष राशि में, अश्विनी नक्षत्र में स्थित हैं।
- चंद्रमा का राशि परिवर्तन: मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन को दर्शाता है।
- सूर्य मेष में: आत्मविश्वास और नेतृत्व की ऊर्जा बढ़ती है।
7. शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: 11:34 AM से 12:25 PM (किसी भी कार्य को शुरू करने का सर्वोत्तम समय)
- खरीदारी, नाव निर्माण, पशु क्रय का शुभ समय: 5:36 AM से 6:35 AM
8. अशुभ समय (दोष काल)
- राहुकाल: 1:36 PM से 3:12 PM
- यमगंड काल: 5:36 AM से 7:12 AM
- गुलिक काल: 8:48 AM से 10:24 AM
- मृत्यु बाण प्रारंभ: 11:25 AM से
9. आज के व्रत और त्योहार
वरुथिनी एकादशी व्रत
यह व्रत भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्री वल्लभाचार्य जयंती
आज के दिन वैष्णव संप्रदाय के महान संत और पुष्टिमार्ग के प्रवर्तक श्री वल्लभाचार्य जी की जयंती मनाई जाती है। इस दिन श्रीकृष्ण भक्ति के विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
आज का दिन आध्यात्मिक साधना और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ है। वरुथिनी एकादशी और वल्लभाचार्य जयंती जैसे पर्वों के योग से आज का दिन विशेष बन गया है। ग्रह स्थिति भी पूजा और ध्यान के लिए अनुकूल है।
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