बंदर को खाना खिलाने के फायदे | बंदर को खाना खिलाने से क्या लाभ होता है? धर्म, ज्योतिष और विज्ञान की राय
बंदर भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इन्हें भगवान हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है, जो शक्ति, भक्ति और साहस के देवता हैं। हिंदू धर्म और ज्योतिष के अनुसार, बंदरों को भोजन कराना पुण्यदायक और कल्याणकारी माना जाता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि ज्योतिषीय और वैज्ञानिक पहलुओं से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि बंदर को भोजन खिलाने से क्या लाभ होते हैं, किस तरह का भोजन देना चाहिए, और किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
1. धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ
(क) हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है
बंदर को भोजन कराने का सबसे बड़ा लाभ यह माना जाता है कि इससे हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। चूंकि हनुमान जी को बंदरों का संरक्षक माना जाता है, इसलिए इन्हें प्रसन्न करने से भगवान हनुमान भी प्रसन्न होते हैं।
(ख) पुण्य की प्राप्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जीवों को भोजन कराना एक महान पुण्य का कार्य है। जब कोई व्यक्ति बंदरों को भोजन कराता है, तो वह सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त करता है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन बंदरों को भोजन कराने से अधिक पुण्यफल मिलता है।
(ग) मनोकामनाओं की पूर्ति
ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी किसी विशेष इच्छा को लेकर हनुमान जी की उपासना करता है और बंदरों को भोजन कराता है, तो उसकी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
2. ज्योतिषीय लाभ
ज्योतिष में बंदर को विभिन्न ग्रहों से जोड़ा जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, बंदरों को भोजन कराना कई दोषों को दूर करने में सहायक माना जाता है।
(क) शनि, मंगल और राहु दोष का निवारण
- बंदरों को भोजन कराना शनि, मंगल और राहु ग्रह से संबंधित दोषों को शांत करता है।
- जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, उन्हें शनिवार के दिन बंदरों को भोजन कराना चाहिए।
- मंगल ग्रह कमजोर हो तो मंगलवार के दिन बंदरों को गुड़-चना खिलाने से मंगल मजबूत होता है।
- राहु दोष निवारण के लिए शनिवार को केले खिलाना शुभ माना जाता है।
(ख) ग्रहों की शांति और सौभाग्य वृद्धि
- अगर जीवन में आर्थिक समस्याएँ या बाधाएँ आ रही हैं, तो बंदरों को भोजन कराना शुभ होता है।
- यह शत्रु बाधा, कोर्ट-कचहरी के मामलों और अनावश्यक विवादों को दूर करने में मदद करता है।
3. मनोवैज्ञानिक और सामाजिक लाभ
बंदरों को भोजन कराना न केवल धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि यह हमारी मानसिक और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित करता है।
(क) मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा
- जब कोई व्यक्ति बंदरों को भोजन कराता है, तो उसे आंतरिक संतुष्टि मिलती है।
- यह तनाव और नकारात्मक ऊर्जा को कम करने में सहायक होता है।
(ख) दयालुता और परोपकार की भावना
- बंदरों जैसे जीवों को भोजन खिलाने से व्यक्ति में दयालुता और परोपकार की भावना विकसित होती है।
- इससे समाज में सहयोग और करुणा की भावना बढ़ती है।
(ग) कर्म सुधार और भाग्य वृद्धि
- यह कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति जीवन में कई समस्याओं का सामना कर रहा हो, तो उसे बंदरों को भोजन कराना चाहिए।
- इससे उसके कर्मों का सुधार होता है और उसका भाग्य उदय होता है।
4. बंदर को क्या खिलाना चाहिए?
बंदरों को भोजन कराते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें ऐसा भोजन दिया जाए जो उनके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो।
बंदरों को यह खिलाएँ:
- गुड़ और चना – मंगल और शनि ग्रह की शांति के लिए।
- केला – राहु दोष को दूर करने के लिए।
- मूंगफली और नारियल – प्राकृतिक और पौष्टिक आहार।
- रोटी या पराठा – बिना तेल और मसाले का।
बंदरों को यह न खिलाएँ:
- चॉकलेट और टॉफी – इनके दाँतों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक।
- पैकेज्ड फूड (चिप्स, बिस्किट आदि) – यह बंदरों के पाचन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है।
- मसालेदार और बासी खाना – यह उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है।
5. बंदरों को भोजन कराते समय ध्यान देने योग्य बातें
- बंदरों को भोजन कराते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि वे कभी-कभी आक्रामक भी हो सकते हैं।
- किसी खुले स्थान, मंदिर परिसर या जंगल क्षेत्र में ही बंदरों को भोजन कराएँ।
- भोजन देने के बाद जल्दी वहाँ से हट जाएँ, ताकि बंदर आक्रामक न हों।
- हमेशा संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही दें।
6. वैज्ञानिक दृष्टिकोण: क्या बंदरों को भोजन कराना सही है?
वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो बंदरों को भोजन कराना कुछ स्थितियों में लाभदायक और कुछ स्थितियों में हानिकारक हो सकता है।
लाभकारी पहलू:
- बंदर भोजन खोजने के लिए पेड़ों से नीचे आते हैं और यदि उन्हें पौष्टिक आहार मिलता है, तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
- मानव और प्रकृति के बीच संबंध मजबूत होता है।
हानिकारक पहलू:
- यदि बंदरों को बार-बार तैयार भोजन (चिप्स, बिस्किट आदि) दिया जाए, तो वे स्वयं भोजन खोजना छोड़ सकते हैं, जिससे उनके प्राकृतिक जीवनशैली में बदलाव आ सकता है।
- इससे बंदरों की आबादी बढ़ सकती है, जिससे मानवीय संघर्ष बढ़ सकता है।
इसलिए, बंदरों को भोजन कराना सही है, लेकिन यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि उन्हें केवल प्राकृतिक और स्वस्थ आहार ही दिया जाए।
बंदरों को भोजन कराना क्यों आवश्यक है?
बंदरों को भोजन कराना न केवल धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से लाभदायक है, बल्कि यह मानवीय संवेदनशीलता और पर्यावरण संतुलन का भी प्रतीक है। यदि आप जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो मंगलवार और शनिवार को बंदरों को भोजन कराएँ, और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करें।
क्या आपने कभी बंदर को भोजन कराया है? अपने अनुभव हमें कमेंट में बताएं!
यह भी पढ़ें:
सुबह-सुबह बंदर देखने से क्या होता है?