आज का पंचांग 25 फरवरी 2025: तिथि, वार, नक्षत्र, योग, राहुकाल और शुभ मुहूर्त

भौम प्रदोष व्रत 2025: तिथि, मुहूर्त और महत्व
भौम प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, खासकर उन लोगों के लिए जो ऋण से मुक्ति पाना चाहते हैं और मंगल ग्रह से संबंधित दोषों को शांत करना चाहते हैं। 25 फरवरी 2025 को आने वाला यह व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी।
भौम प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
- वार: मंगलवार
- तिथि: द्वादशी तिथि सुबह 10:05 पर समाप्त होगी और त्रयोदशी तिथि आरंभ होगी।
- नक्षत्र: उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र शाम 4:24 तक रहेगा, इसके बाद श्रवण नक्षत्र आरंभ होगा।
- योग: वारियान योग अगले दिन प्रातः 4:30 तक रहेगा, फिर परीघ योग आरंभ होगा।
- चंद्रमा: मकर राशि में स्थित रहेंगे।
- सूर्य: मीन राशि और शतभिषा नक्षत्र में स्थित रहेंगे।
- राहुकाल: दोपहर 2:51 से शाम 4:16 तक।
- यमगंड काल: सुबह 9:09 से सुबह 10:34 तक।
- गुलिक काल: दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 1:25 तक।
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:37 से दोपहर 12:22 तक।
- त्रिपुष्कर योग: प्रातः 6:18 से सुबह 10:05 तक।
भौम प्रदोष व्रत का महत्व
भौम प्रदोष व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव की कृपा प्राप्ति, ऋण मुक्ति और मंगल दोष शांति के लिए किया जाता है। इस व्रत के प्रभाव से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
- स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव का पूजन: शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से अभिषेक करें।
- शिव मंत्रों का जाप:
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- “ॐ मंगलाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- आरती और प्रसाद: धूप, दीप जलाकर शिव चालीसा और प्रदोष व्रत कथा पढ़ें। फिर आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
भौम प्रदोष व्रत के लाभ
- जीवन से कर्ज और आर्थिक संकट दूर होते हैं।
- विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं।
- मंगल ग्रह से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा शांत होती है।
- परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- व्यापार और करियर में सफलता मिलती है।
भौम प्रदोष व्रत करने वाले जातकों के लिए विशेष सुझाव
- इस दिन लाल वस्त्र धारण करें और शुद्ध आहार ग्रहण करें।
- शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए गंगाजल और बिल्वपत्र का उपयोग करें।
- हो सके तो हनुमान जी की पूजा भी करें, क्योंकि मंगल ग्रह पर उनकी विशेष कृपा मानी जाती है।
- गरीबों और जरूरतमंदों को लाल मसूर, गुड़ और वस्त्र का दान करें।
- इस दिन मांसाहार और शराब से दूर रहें।
विशेष कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त
- प्रसूति स्नान, आभूषण खरीदने, लाल वस्त्र धारण करने के लिए: प्रातः 6:18 से शाम 4:24 तक।
- वधु प्रवेश, गौना, गृह प्रवेश के लिए: प्रातः 6:12 से प्रातः 6:18 तक।
भौम प्रदोष व्रत 2025 एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसे श्रद्धा और नियमों के साथ करने पर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। अगर आप ऋण से मुक्ति चाहते हैं या मंगल ग्रह से जुड़े दोषों को शांत करना चाहते हैं, तो यह व्रत आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।