घर के मुख्य द्वार का वास्तु: सही दिशा, उपाय और पूरी जानकारी
मुख्य द्वार (Main Entrance) घर का वह स्थान होता है जो न केवल परिवार के लिए बल्कि उर्जा के आगमन के लिए भी सबसे महत्वपूर्ण होता है। वास्तु शास्त्र में इसे “जीवन का द्वार” कहा गया है। यदि मुख्य द्वार वास्तु अनुसार सही दिशा और तरीके से बनाया जाए तो घर में सुख-समृद्धि, शांति और उन्नति आती है। इस लेख में हम जानेंगे कि मुख्य द्वार का सही वास्तु कैसा होना चाहिए और किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मुख्य द्वार की सही दिशा (Best Direction for Main Door)
- उत्तर-पूर्व (ईशान कोण):
इसे वास्तु में सबसे शुभ दिशा माना गया है। इस दिशा में मुख्य द्वार बनाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। - उत्तर दिशा:
धन, समृद्धि और सौभाग्य के लिए उत्तम दिशा मानी जाती है। - पूर्व दिशा:
पूर्व दिशा का मुख्य द्वार परिवार में खुशहाली, स्वास्थ्य और उन्नति लेकर आता है। - दक्षिण-पूर्व या दक्षिण दिशा:
यदि मजबूरी में दक्षिण दिशा में द्वार बनाना पड़े तो वास्तु उपाय अवश्य करें क्योंकि यह दिशा सीधे यमराज से जुड़ी मानी जाती है।
मुख्य द्वार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (Important Points about Main Door)
- मुख्य द्वार सबसे बड़ा और आकर्षक होना चाहिए। इससे घर में आने वाली ऊर्जा को निमंत्रण मिलता है।
- द्वार के सामने कोई बाधा नहीं होनी चाहिए, जैसे – खंभा, पेड़ या दीवार।
- द्वार के ऊपर शुभ चिन्ह जैसे स्वस्तिक, ॐ, श्रीफल आदि लगाना बेहद शुभ होता है।
- मुख्य द्वार पर नाम प्लेट अवश्य लगानी चाहिए, साफ-सुथरी और सुंदर।
- दरवाजा खोलते समय आवाज नहीं करनी चाहिए। चिकनी और अच्छी क्वालिटी के दरवाजे का उपयोग करें।
- दो मुख्य द्वार आमने-सामने नहीं होने चाहिए (विशेषकर यदि पड़ोसी का मुख्य द्वार सामने है)।
मुख्य द्वार का आकार और बनावट (Size and Design of Main Door)
- मुख्य द्वार का आकार चौड़ा और ऊंचा होना चाहिए।
- द्वार का डिज़ाइन शुभ प्रतीकों से सुसज्जित हो सकता है, जैसे कमल फूल, सूर्य आदि।
- द्वार का रंग हल्का और शुभ होना चाहिए जैसे – क्रीम, सफेद, हल्का पीला या लकड़ी का प्राकृतिक रंग।
मुख्य द्वार पर क्या नहीं होना चाहिए? (What to Avoid at Main Door)
- टूटा-फूटा या खटखटाता हुआ दरवाजा अशुभ माना जाता है।
- दरवाजे के पास कूड़ा, झाड़ू या गंदगी नहीं होनी चाहिए।
- मुख्य द्वार पर अंधेरा नहीं होना चाहिए। हमेशा अच्छा प्रकाश रखें।
- दरवाजे के सामने सीढ़ियाँ सीधे न आनी चाहिए।
मुख्य द्वार के वास्तु दोष और उनके उपाय (Vastu Dosh Remedies for Main Door)
दोष | उपाय |
---|---|
मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है | पंचमुखी हनुमान जी का चित्र बाहर लगाएं। |
द्वार के सामने बाधा (खंभा, पेड़) है | द्वार के दोनों ओर वास्तु मिरर (विशेष दर्पण) लगाएं। |
दरवाजा टूटफूट वाला है | तुरंत नया बनवाएं या मरम्मत कराएं। |
द्वार पर नकारात्मकता महसूस हो | समुद्री नमक का कटोरा द्वार के पास रखें और हर सप्ताह बदलें। |
मुख्य द्वार को शुभ बनाने के आसान उपाय (Simple Tips to Make Main Door Auspicious)
- हर रोज मुख्य द्वार पर गंगाजल का छिड़काव करें।
- दीपक जलाकर दरवाजे के आसपास सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें।
- त्यौहारों पर मुख्य द्वार की सजावट (तोरण, फूलमाला) अवश्य करें।
- द्वार पर मंगलमय संदेश जैसे ‘स्वागत है’, ‘शुभ लाभ’ आदि लिखें।
मुख्य द्वार का वास्तु न केवल घर की ऊर्जा को प्रभावित करता है, बल्कि आपके जीवन की दिशा भी तय कर सकता है। सही दिशा, सही डिजाइन और सही उपायों के साथ मुख्य द्वार को वास्तु अनुसार बनाना अत्यंत आवश्यक है। अगर आपने मुख्य द्वार को वास्तु अनुसार सही बनाया तो आपके घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा सदैव बनी रहेगी।
अगर आप अपने घर के मुख्य द्वार के वास्तु को लेकर और भी व्यक्तिगत सलाह चाहते हैं तो अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
FAQs – घर के मुख्य द्वार का वास्तु
1. मुख्य द्वार किस दिशा में होना चाहिए?
मुख्य द्वार के लिए सबसे शुभ दिशाएँ उत्तर-पूर्व (ईशान कोण), उत्तर दिशा और पूर्व दिशा मानी जाती हैं। ये दिशाएँ सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रवेश कराती हैं।
2. यदि मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो तो क्या उपाय करें?
अगर मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो बाहर की ओर पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है। साथ ही मुख्य द्वार पर लाल रंग का पर्दा भी लगाया जा सकता है।
3. क्या मुख्य द्वार के सामने पेड़ या खंभा होना अशुभ होता है?
हाँ, मुख्य द्वार के ठीक सामने कोई पेड़, खंभा या दीवार होना वास्तु दोष माना जाता है। इससे ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है। इस दोष के समाधान के लिए वास्तु मिरर का उपयोग करें।
4. मुख्य द्वार का रंग कैसा होना चाहिए?
मुख्य द्वार का रंग हल्का और शुभ होना चाहिए, जैसे – हल्का पीला, क्रीम, सफेद या लकड़ी का प्राकृतिक रंग। ये रंग सकारात्मकता बढ़ाते हैं।
5. मुख्य द्वार पर कौन से शुभ चिन्ह लगाने चाहिए?
मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ॐ, शुभ-लाभ, श्रीफल, या मंगल कलश जैसे शुभ प्रतीकों को लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
6. क्या मुख्य द्वार के ऊपर लोहे का छज्जा लगाना सही है?
मुख्य द्वार के ऊपर लोहे का भारी छज्जा या बीम नहीं होनी चाहिए। इससे ऊर्जा दबती है। अगर छज्जा लगाना अनिवार्य हो तो हल्के डिजाइन का और वास्तु अनुसार शुभ रंग का छज्जा लगाना चाहिए।
7. मुख्य द्वार के पास साफ-सफाई का क्या महत्व है?
मुख्य द्वार के पास हमेशा साफ-सफाई रहनी चाहिए। गंदगी, झाड़ू, या कूड़े के ढेर से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है और घर के सौभाग्य को प्रभावित कर सकती है।
8. मुख्य द्वार पर प्रकाश व्यवस्था कैसी होनी चाहिए?
मुख्य द्वार के पास उचित और सुंदर प्रकाश व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए। अंधेरा मुख्य द्वार पर नकारात्मकता बढ़ाता है, जबकि रोशनी सकारात्मकता लाती है।


















