जया एकादशी 2025: तिथि, व्रत विधि, पारण समय और महत्व | कब है जया एकादशी?
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। वर्षभर में 24 एकादशियां होती हैं और हर एकादशी किसी न किसी शुभ फल को प्रदान करने वाली मानी जाती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को “जया एकादशी” कहा जाता है। यह व्रत सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाला और मोक्ष प्राप्ति कराने वाला माना गया है।

अगर आप भी जया एकादशी का व्रत करने जा रहे हैं, तो इस लेख में आपको तिथि, पारण समय, व्रत की विधि, नियम, महत्व और लाभ के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी।
फरवरी में पड़ने वाली एकादशी को क्या कहते हैं?
फरवरी महीने में आने वाली एकादशी को “जया एकादशी” कहते हैं। यह व्रत इस बार 8 फरवरी 2025, शनिवार को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे करने से जीवन में सुख-शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
जया एकादशी 2025 की तिथि और पारण समय
जया एकादशी के मुहूर्त और पारण करने के समय के बारे में नीचे विस्तृत जानकारी दिया गया है।
जया एकादशी 2025 की तिथि
- 7 फरवरी 2025 (शुक्रवार): दशमी तिथि रात्रि 10:31 बजे तक रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि शुरू होगी।
- 8 फरवरी 2025 (शनिवार): एकादशी तिथि रात 8:55 बजे तक रहेगी, उसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ हो जाएगी।
- 9 फरवरी 2025 (रविवार): द्वादशी तिथि शाम 7:40 बजे समाप्त होगी।
पारण समय (व्रत खोलने का सही समय)
- जया एकादशी व्रत का पारण 9 फरवरी 2025 को सूर्योदय के बाद कभी भी द्वादशी तिथि में किया जा सकता है।
- द्वादशी तिथि शाम 7:40 बजे तक है, इसलिए सुबह से लेकर दोपहर तक पारण करना उत्तम होगा।
नियम: पारण के लिए ध्यान रखें कि राहु काल के समय पारण न करें।
जया एकादशी व्रत का महत्व
क्या आप जानते हैं कि जया एकादशी को “पिशाच योनि से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी” भी कहा जाता है?
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे भूत-प्रेत बाधाओं से छुटकारा मिल जाता है।
- पुराणों में उल्लेख है कि जो व्यक्ति जया एकादशी का व्रत करता है, उसे सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है और वह सीधे स्वर्ग लोक में जाता है।
- यह व्रत नकारात्मक ऊर्जाओं, पितृ दोष और गृह क्लेश से राहत दिलाने वाला माना गया है।
- भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक जागृति आती है।
- इस दिन व्रत करने से मोक्ष (मुक्ति) प्राप्ति का मार्ग खुलता है।
यदि आप भी जीवन की परेशानियों से मुक्ति चाहते हैं और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहना चाहते हैं, तो इस एकादशी का व्रत अवश्य करें।
जया एकादशी व्रत करने से क्या होता है?
- मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
- नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है।
- सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
- धन, समृद्धि और खुशहाली आती है।
- ग्रह दोष और पितृ दोष शांत होते हैं।
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में लगातार परेशानियां बनी रहती हैं, घर में क्लेश होता है या कोई भी कार्य बनते-बनते बिगड़ जाता है, तो उसे इस व्रत को अवश्य करना चाहिए।
जया एकादशी व्रत कैसे करना चाहिए?
अगर आप पहली बार यह व्रत कर रहे हैं, तो इसे करने की सही विधि इस प्रकार है।
1. व्रत की पूर्व संध्या (7 फरवरी 2025 की रात)
- रात में सात्विक भोजन करें और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सोएं।
2. व्रत का दिन (8 फरवरी 2025, शनिवार)
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- भगवान विष्णु का पूजन करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा में तुलसी, पीले फूल, पंचामृत और फल चढ़ाएं।
- दिनभर फलाहार करें या निर्जला व्रत रखें।
- शाम को भगवान विष्णु की कथा पढ़ें और आरती करें।
- रात्रि जागरण करें और भजन-कीर्तन करें।
3. पारण (9 फरवरी 2025, रविवार)
- सुबह सूर्योदय के बाद द्वादशी तिथि में पारण करें।
- पारण में सात्त्विक भोजन करें और जरूरतमंदों को अन्न-दान दें।
जया एकादशी व्रत के दिन क्या खाना चाहिए?
इस दिन सात्विक भोजन का पालन करना चाहिए और तामसिक भोजन (लहसुन, प्याज, मांस, शराब) से बचना चाहिए।
क्या खा सकते हैं?
- फल (सेब, केला, अनार, नारियल)
- दूध और दूध से बने पदार्थ
- मखाना, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा
- काजू, बादाम, किशमिश
- सेंधा नमक से बनी चीजें
क्या नहीं खाना चाहिए?
- अनाज और दालें
- लहसुन और प्याज
- मांसाहारी भोजन
- शराब और नशे की चीजें