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मंगल दोष (Mangal Dosha): कारण, प्रभाव और निवारण | संपूर्ण ज्योतिषीय मार्गदर्शिका

मंगल दोष (Mangal Dosha) भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो वैवाहिक जीवन, करियर, स्वास्थ्य और जीवन के अन्य पहलुओं को प्रभावित कर सकती है। इसे मांगलिक दोष, कुज दोष या भौम दोष भी कहा जाता है। यह तब उत्पन्न होता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह कुछ विशेष भावों में स्थित होता है।

मंगल दोष
मंगल दोष

इस लेख में हम मंगल दोष के कारण, लक्षण, प्रभाव, निवारण और इससे जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।

मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह निम्नलिखित भावों में स्थित होता है:

  1. प्रथम भाव (लग्न भाव)
  2. चतुर्थ भाव
  3. सप्तम भाव
  4. अष्टम भाव
  5. द्वादश भाव

इन भावों में मंगल की उपस्थिति वैवाहिक जीवन, मानसिक शांति, धन, स्वास्थ्य और अन्य जीवन क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

मंगल दोष के प्रकार

मंगल दोष की तीव्रता के आधार पर इसे दो प्रकारों में बांटा जाता है:

1. अंशिक मंगल दोष (Partial Mangal Dosha)

जब मंगल के प्रभाव को अन्य शुभ ग्रह जैसे गुरु (बृहस्पति), शुक्र, चंद्रमा या बुध संतुलित कर देते हैं, तो इसे आंशिक मंगल दोष कहा जाता है। यह हल्का प्रभाव डालता है।

2. पूर्ण मंगल दोष (Complete Mangal Dosha)

यदि जन्म कुंडली में मंगल दोष को संतुलित करने वाला कोई शुभ ग्रह न हो, तो यह पूर्ण मंगल दोष कहलाता है। यह विवाह, स्वास्थ्य और करियर पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

मंगल दोष का प्रभाव

मंगल दोष के प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर निर्भर करते हैं। आइए जानते हैं कि यह किन-किन पहलुओं को प्रभावित कर सकता है:

1. वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

  • विवाह में देरी होती है।
  • वैवाहिक जीवन में संघर्ष, झगड़े और अलगाव की संभावना रहती है।
  • तलाक या दांपत्य जीवन में दरार आ सकती है।
  • पति-पत्नी के बीच असहमति और तनाव बना रहता है।
  • साथी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

2. स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • सिरदर्द, रक्तचाप (हाई BP) और हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • चोट लगने, दुर्घटनाओं और शल्य चिकित्सा की संभावना बढ़ जाती है।
  • त्वचा रोग, सूजन, जलन आदि समस्याएं हो सकती हैं।

3. करियर और वित्तीय स्थिति पर प्रभाव

  • करियर में अस्थिरता बनी रह सकती है।
  • व्यापार में अचानक नुकसान हो सकता है।
  • निवेश में हानि और धन की बर्बादी हो सकती है।
  • आक्रामक स्वभाव के कारण कार्यस्थल पर संघर्ष हो सकता है।

4. व्यक्तित्व पर प्रभाव

  • व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो सकता है।
  • धैर्य और संयम की कमी होती है।
  • बिना सोचे-समझे निर्णय लेने की प्रवृत्ति होती है।
  • आत्मविश्वास अधिक या अत्यधिक आक्रामक हो सकता है।

मंगल दोष की पहचान कैसे करें?

मंगल दोष की पहचान कुंडली के गहन अध्ययन से की जाती है। कुछ सामान्य संकेत निम्नलिखित हैं:

  • कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में हो।
  • जन्म पत्रिका में मंगल के साथ राहु, शनि, केतु या सूर्य की युति हो।
  • व्यक्ति का स्वभाव गुस्सैल, अधीर और जिद्दी हो।
  • विवाह में देरी हो रही हो या शादी के बाद समस्याएं आ रही हों।
  • बार-बार दुर्घटनाएं या स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हों।

Note: मंगल दोष की पुष्टि किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण कराकर करें।

मंगल दोष के उपाय (Mangal Dosha Remedies)

यदि कुंडली में मंगल दोष पाया जाता है, तो इसके प्रभाव को कम करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं।

1. मंगल दोष निवारण मंत्र और पूजा

  • मंगल बीज मंत्र:
    “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
    प्रतिदिन 108 बार जप करें।
  • हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
  • मंगल ग्रह के लिए हवन और यज्ञ कराएं।
  • मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाएं।

2. मंगल दोष को शांत करने के लिए रत्न धारण करें

  • मूंगा (Red Coral) रत्न चांदी या तांबे की अंगूठी में मंगलवार को धारण करें।
  • रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषीय सलाह लें।

3. विवाह संबंधी उपाय

  • मांगलिक व्यक्ति को किसी अन्य मांगलिक व्यक्ति से विवाह करना चाहिए।
  • “कुंभ विवाह” (एक विशेष अनुष्ठान) कराना चाहिए।
  • विष्णु या शिव भगवान की पूजा करनी चाहिए।

4. दान और व्रत

  • मंगलवार को मसूर की दाल, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे का दान करें।
  • मंगलवार को उपवास रखें और हनुमान जी की आराधना करें।

5. अन्य उपाय

  • अपने गुस्से और आक्रामकता को नियंत्रित करने की कोशिश करें।
  • ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए नियमित योग और ध्यान करें।
  • हनुमान जी और मंगल ग्रह के अन्य शुभ मंत्रों का जाप करें।

मंगल दोष से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. क्या मंगल दोष हमेशा बुरा होता है?

नहीं, यदि कुंडली में अन्य शुभ ग्रह मंगल के प्रभाव को संतुलित कर रहे हैं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।

2. मंगल दोष की शांति कितने समय में होती है?

यदि सही उपाय किए जाएं, तो 6 महीने से 2 साल के भीतर इसके प्रभाव कम होने लगते हैं।

3. क्या मांगलिक व्यक्ति को गैर-मांगलिक से विवाह नहीं करना चाहिए?

यदि उचित उपाय किए जाएं, तो मांगलिक और गैर-मांगलिक विवाह संभव है।

4. क्या मंगल दोष पूरी तरह समाप्त हो सकता है?

पूर्ण रूप से नहीं, लेकिन सही उपायों से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

मंगल दोष भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य, करियर और व्यक्तित्व पर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, सही उपाय, पूजा-पाठ और ज्योतिषीय परामर्श से इसके प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो चिंता करने की बजाय उपयुक्त उपायों को अपनाएं और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।

Disclaimer
यह लेख केवल ज्योतिषीय जानकारी और शोध पर आधारित है। हम किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत या आध्यात्मिक सलाह नहीं देते। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। यह लेख वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रमाणित करने का दावा नहीं करता और इसका उद्देश्य केवल सूचनात्मक जानकारी प्रदान करना है। किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत, स्वास्थ्य, वित्तीय या विवाह से संबंधित निर्णय लेते समय उचित विशेषज्ञ से परामर्श करें।
नोट: यह सामग्री केवल मार्गदर्शन और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान की गई है। इसे अंतिम निर्णय का आधार न बनाएं।

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