मुंडन संस्कार मुहूर्त में कब है 2025 | मुंडन संस्कार करने का शुभ मुहूर्त कब है | Mundan sanskar muhurt kab hai
हिंदू धर्म में मुंडन का एक विशेष महत्व है। क्योंकि ऐसा माना जाता है। कि बच्चों के जन्म के उपरांत उसके गर्भकाल के बाल को उतार देना चाहिए इस परंपरा को ही मुंडन संस्कार के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में बच्चों का मुंडन संस्कार 3, 5 और 7 आदि वर्षों में किया जाता है। जो कि विषम वर्ष होते हैं। वही बालिकाओं का मुंडन संस्कार सम वर्ष में होता है।

Mundan sanskar muhurt : जब भी आपको अपने बच्चे का मुंडन संस्कार करना हो। तो उस संस्कार को करने के लिए किसी विद्वान पंडित या ज्योतिषी से परामर्श जरूर ले। क्योंकि शुभ मुहूर्त में ही बच्चों का मुंडन किया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से बच्चों के लिए लाभदायक और कल्याणकारी होता है।
मुंडन संस्कार मुहूर्त जनवरी 2025
दिनांक | वार | समय |
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31 जनवरी 2025 | शुक्रवार | प्रातः 6:34 सुबह 7:20 तक |
मुंडन संस्कार मुहूर्त अप्रैल 2025
दिनांक | वार | समय |
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14 अप्रैल 2025 | सोमवार | सुबह 9:14 से सुबह 11:28 तक |
मुंडन संस्कार मुहूर्त जून 2025
दिनांक | वार | समय |
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5 जून 2025 | गुरुवार | सुबह 5:51 से सुबह 8:05 तक |
मुंडन संस्कार मुहूर्त फरवरी 2026
दिनांक | वार | समय |
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6 फरवरी 2026 | शुक्रवार | सुबह 8:25 से सुबह 9:53 तक |
11 फरवरी 2026 | बुधवार | सुबह 11:10 से दोपहर 1:06 तक |
12 फरवरी 2026 | गुरुवार | सुबह 11:33 से दोपहर 1:02 तक |
26 फरवरी 2026 | गुरुवार | सुबह 7:08 से सुबह 8:36 तक, सुबह 10:13 से दोपहर 12:00 तक |
27 फरवरी 2026 | शुक्रवार | सुबह 10:29 से सुबह 11:02 तक |
मुंडन मुहूर्त कैसे निकाले?
यहां पर मुंडन मुहूर्त को स्वयं निकालने के बारे में बतलाया जा रहा है। अगर आप स्वयं मुंडन मुहूर्त को निकाल देना चाहते हैं। तो उसके लिए आपके पास जो ज्योतिषी पंचांग का होना अति आवश्यक है।
क्योंकि पंचांग के माध्यम से ही नक्षत्र, वार, तिथि, लग्न आदि के बारे में जानकारी प्राप्त किया जा सकता है। क्योंकि नक्षत्र, वार, तिथि, लग्न से ही शुभ मुहूर्त का चुनाव किया जाता है।
यहां पर हम आपकी सुविधा के लिए सभी नक्षत्र, वार, तिथि, लग्न के बारे में विस्तार से बता रहा हूं। जिससे आप मुंडन करने का शुभ मुहूर्त का चुनाव कर सके।
कौन से नक्षत्र में मुंडन किया जाता है?
चूड़ाकर्म (मुंडन) करने के लिए ज्येष्ठा, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजीत, स्वाति, पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र को शुभ माना गया है।
किस दिन चूड़ाकर्म (मुंडन) करवाना चाहिए?
चूड़ाकर्म (मुंडन) करवाने के लिए सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को शुभ माना गया है।
चूड़ाकर्म (मुंडन) करवाने के लिए शुभ तिथि कौन-कौन से हैं?
मुंडन करने के लिए सबसे उत्तम तिथि द्वितीय, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी (2,3,5,7,10,11,13) को माना गया है।
कौन से लग्न में मुंडन करवाना चाहिए?
मुंडन करवाने के लिए सबसे उत्तम लग्न वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, धनु और मीन है। इन्हीं लग्नो में मुंडन करवाना चाहिए।
मुंडन करने के लिए लग्न शुद्धि कैसे देखें?
मुंडन करने के लिए जब मुंडन का मुहूर्त निकाला जाता है। तब उस समय लग्न शुद्धि भी किया जाता है। क्योंकि बिना लग्न अशुद्धि किए कोई भी मुंडन का मुहूर्त शुद्ध नहीं होता है। इसलिए लग्न शुद्धि अवश्य करें।
यहां पर लग्न शुद्धि करने के बारे में बताया जा रहा है। कि कैसे लग्न शुद्ध किया जाता है। लग्न शुद्धि करने के लिए शुभ ग्रह लग्न, द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, नवम, दशम भाव (1,2,4,5,7,9,10) में होना चाहिए। अर्थात कुंडली का केंद्र भाव, त्रिकोण भाव और धन भाव में शुभ ग्रह होना चाहिए। पाप ग्रह तृतीय, षष्ठी, एकादश भाव (3,6,11) में होना चाहिए। अष्टम भाव (8) में कोई ग्रह ना हो।
इस प्रकार लग्न शुद्धि हो जाने के बाद जो मुहूर्त निकले उसी मुहूर्त में मुंडन किया जाना चाहिए।
बच्चों का मुंडन कब और कितने साल में कराना चाहिए?
हिंदू धर्म में मुंडन का भी विशेष महत्व माना गया है। इसलिए मुंडन को करवाने के लिए शुभ समय का होना अति आवश्यक है। इसलिए बच्चे के जन्म के तीसरे, पांचवें, सातवीं इत्यादि विषम वर्षों में मुंडन करवाना चाहिए।
कौन सी तिथि में मुंडन नहीं किया जाता है?
मुंडन के दिन प्रतिपदा, चतुर्थी, षष्ठी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावस्या और सूर्य संक्रांति को छोड़कर बाकी सभी तिथियों में मुंडन किया जा सकता है।
कौन से मास में मुंडन किया जाता है?
चैत्र मास को छोड़कर उत्तरायण के शेष 5 मासों में मुंडन करना शुभ होता है। इसलिए इन्हीं 5 मासों में ही बच्चों का मुंडन करवाएं।
क्या नवरात्रि में मुंडन हो सकता है?
नवरात्रि में मुंडन करने के बारे में अलग-अलग मत देखने को मिलते हैं। वैसे देखा जाए तो नवरात्रि में हजामत (दाढ़ी और बाल बनवाना) करना नहीं चाहिए। नाखून को भी नवरात्रि से पहले ही काट लेना चाहिए। लेकिन कुछ लोगों का मानना है। कि नवरात्रि में मुंडन किया जा सकता है।
लेकिन मेरे मतानुसार नवरात्रि में मुंडन करवाना शुभ नहीं है। क्योंकि शास्त्रों में मुंडन करवाने के लिए चैत्र मास को वर्जित बताया है। और चैत्र मास में ही चैत्र नवरात्रि आरंभ होता है।
वही शरद नवरात्रि की बात करें, तो उस समय सूर्य दक्षिणायन हो जाते हैं। जो कि शास्त्रों में मुंडन के लिए दक्षिणायन सूर्य भी वर्जित माना गया है।
इसलिए नवरात्रि में मुंडन करवाना उचित नहीं होगा। मुंडन करवाने के लिए शुभ मुहूर्त को अवश्य देखें। उसके बाद ही मुंडन करवाएं।