नवरात्रि के 9 दिन: क्या करें और क्या न करें | देवी पूजा नियम व परंपराएँ
नवरात्रि हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे पूरे नौ दिनों तक बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की उपासना के लिए समर्पित होता है। इस दौरान कुछ कार्य करने से शुभ फल मिलते हैं, जबकि कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि के प्रत्येक दिन कौन-सा काम करना चाहिए और कौन-सा नहीं।

प्रथम दिन (शैलपुत्री देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ शैलपुत्री की पूजा करें और घी का दीप जलाएं।
- व्रत का संकल्प लें और सात्विक आहार ग्रहण करें।
- सफेद रंग के वस्त्र धारण करें, यह शुभ माना जाता है।
- माता को सफेद फूल चढ़ाएं।
क्या न करें?
- तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज) का सेवन न करें।
- क्रोध और अहंकार से बचें।
- अपशब्दों का प्रयोग न करें।
द्वितीय दिन (ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ ब्रह्मचारिणी को मिश्री और पंचामृत अर्पित करें।
- हरे या पीले वस्त्र धारण करें।
- माता की आराधना करते समय मन को शांत रखें।
क्या न करें?
- अधिक वाद-विवाद और नकारात्मक विचारों से बचें।
- अधिक मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
तृतीय दिन (चंद्रघंटा देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ चंद्रघंटा को दूध, मिठाई और सफेद फूल चढ़ाएं।
- गोल्डन या क्रीम रंग के वस्त्र पहनें।
- आध्यात्मिक साधना करें।
क्या न करें?
- अशुद्ध या गंदे वस्त्र न पहनें।
- झूठ न बोलें।
चतुर्थ दिन (कूष्माण्डा देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ कूष्माण्डा को मालपुए और हलवा का भोग लगाएं।
- संतरी रंग के वस्त्र पहनें।
- किसी जरूरतमंद को दान करें।
क्या न करें?
- आलस्य न करें।
- वाणी में कठोरता न रखें।
पंचम दिन (स्कंदमाता देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं।
- पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- माता की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
क्या न करें?
- जल की बर्बादी न करें।
- दूसरों के प्रति ईर्ष्या न रखें।
षष्ठम दिन (कात्यायनी देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ कात्यायनी को शहद अर्पित करें।
- लाल रंग के वस्त्र पहनें।
- कन्या पूजन करें।
क्या न करें?
- आलस्य और प्रमाद से बचें।
- अनुशासनहीनता न करें।
सप्तम दिन (कालरात्रि देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ कालरात्रि को गुड़ और नारियल अर्पित करें।
- नीले या काले रंग के वस्त्र पहनें।
- ध्यान और मंत्र जाप करें।
क्या न करें?
- भय और शंका से बचें।
- अनावश्यक खर्च न करें।
अष्टम दिन (महागौरी देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ महागौरी को नारियल और खीर अर्पित करें।
- गुलाबी या बैंगनी रंग के वस्त्र पहनें।
- कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन करें।
क्या न करें?
- किसी को अपमानित न करें।
- असत्य भाषण से बचें।
नवम दिन (सिद्धिदात्री देवी की पूजा)
क्या करें?
- माँ सिद्धिदात्री को तिल और पंचमेवा अर्पित करें।
- बैंगनी या सफेद रंग के वस्त्र पहनें।
- पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा करें।
क्या न करें?
- व्रत के नियमों का उल्लंघन न करें।
- किसी की निंदा न करें।
नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन का विशेष महत्व होता है और देवी माँ के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान हमें सकारात्मकता बनाए रखनी चाहिए और अनुशासन में रहकर नियमों का पालन करना चाहिए। सही कार्य करने से नवरात्रि में शुभ फल प्राप्त होते हैं और नकारात्मक कार्यों से बचने पर देवी की कृपा बनी रहती है।
नवरात्रि से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. नवरात्रि में व्रत कैसे रखें?
नवरात्रि में व्रत रखने के लिए केवल सात्विक भोजन करें, फलाहार करें, और माँ दुर्गा की पूजा करें। पानी और दूध का सेवन कर सकते हैं।
2. नवरात्रि में कौन-कौन से रंग पहनने चाहिए?
हर दिन एक विशेष रंग पहनने का महत्व है, जैसे पहले दिन सफेद, दूसरे दिन हरा, तीसरे दिन लाल आदि।
3. नवरात्रि में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
फल, दूध, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना खा सकते हैं। लहसुन, प्याज, मांस और शराब का सेवन न करें।
4. क्या नवरात्रि में बाल कटवा सकते हैं?
नहीं, नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना या शेविंग करना वर्जित माना जाता है।
5. नवरात्रि के दौरान कौन से शुभ कार्य करने चाहिए?
माँ दुर्गा की पूजा, कन्या पूजन, भजन-कीर्तन और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है।
6. क्या नवरात्रि में शादी या मांगलिक कार्य कर सकते हैं?
आमतौर पर नवरात्रि में विवाह और अन्य मांगलिक कार्य टाले जाते हैं, क्योंकि यह समय देवी की साधना के लिए होता है।