नवरात्रि व्रत के नियम और लाभ – व्रत रखने की विधि, पूजा विधि और सेहत के फायदे
नवरात्रि हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व है, जिसे वर्ष में चार बार मनाया जाता है। विशेष रूप से चैत्र और शारदीय नवरात्रि का अधिक महत्व है। इस दौरान भक्त देवी दुर्गा की आराधना करते हैं और नवरात्रि व्रत रखते हैं। व्रत न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इस लेख में हम “नवरात्रि व्रत के नियम और लाभ” के बारे में विस्तार से जानेंगे।

नवरात्रि व्रत रखने की विधि
1. व्रत की शुरुआत और संकल्प
- व्रत शुरू करने से पहले संकल्प लें कि आप पूरे श्रद्धा और नियमों का पालन करेंगे।
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और माता दुर्गा की पूजा करें।
- कलश स्थापना करें, जो शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है।
- माता की पूजा में अखंड ज्योत (निरंतर जलती हुई दीपक की लौ) जलाने का भी प्रचलन है।
2. व्रत के दौरान आहार नियम
- फलाहार या एक समय सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
- अनाज, प्याज, लहसुन, तामसिक भोजन और मांसाहार पूरी तरह वर्जित है।
- कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबुदाना, समा के चावल, दूध, फल और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें।
- सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट) का ही उपयोग करें।
- चाय और कॉफी की जगह गर्म दूध या हर्बल टी लेना बेहतर होता है।
3. पूजा और मंत्र जाप
- नवरात्रि के नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करें।
- दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्यम और श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- देवी मंत्रों का जाप करें, जैसे:
- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
- “ॐ दुं दुर्गायै नमः”
4. हवन और कन्या पूजन
- अष्टमी या नवमी के दिन हवन करें, जिसमें घी, कपूर और जड़ी-बूटियां डालकर अग्नि में आहुति दी जाती है।
- नवमी को कन्या पूजन करें, जिसमें नौ कन्याओं को भोजन कराकर माता की कृपा प्राप्त की जाती है।
नवरात्रि व्रत के नियम
- शुद्धता बनाए रखें – मानसिक और शारीरिक शुद्धता का विशेष ध्यान दें।
- नकारात्मकता से बचें – क्रोध, ईर्ष्या, अहंकार और द्वेष से दूर रहें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें – संयम और सादगी अपनाएं।
- सात्त्विक भोजन करें – शुद्ध और हल्का आहार लें।
- झूठ न बोलें – सत्य का अनुसरण करें और परोपकार करें।
- प्रदूषण से बचें – नशा, धूम्रपान और अन्य नकारात्मक गतिविधियों से दूर रहें।
नवरात्रि व्रत के लाभ
1. आध्यात्मिक लाभ
- नवरात्रि व्रत से मन की शुद्धि होती है और नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
- यह आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाकर साधक को शक्ति, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।
- व्रत रखने से ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ती है और व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस करता है।
- नियमित मंत्र जाप और पूजा से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और घर का वातावरण पवित्र बनता है।
2. शारीरिक लाभ
- व्रत के दौरान हल्का और पौष्टिक भोजन लेने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
- डिटॉक्सिफिकेशन (शरीर की सफाई) के कारण त्वचा निखरती है और शरीर हल्का महसूस होता है।
- उपवास से मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
- यह डायबिटीज, हाई बीपी और अन्य बीमारियों में भी सहायक हो सकता है।
3. मानसिक और भावनात्मक लाभ
- व्रत से ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।
- यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
- नियमित पूजा-पाठ और मंत्र जाप से आत्मविश्वास और धैर्य में वृद्धि होती है।
नवरात्रि व्रत से जुड़ी सावधानियां
- अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भवती महिलाएं और बीमार व्यक्ति हल्का और पोषक आहार लें और अत्यधिक उपवास से बचें।
- उचित मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें, ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन न हो।
- व्रत के दौरान अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचें, जिससे शरीर पर अनावश्यक तनाव न पड़े।
नवरात्रि व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का भी एक साधन है। यह व्रत हमारे जीवन में आध्यात्मिकता, अनुशासन और सकारात्मकता को बढ़ाता है। व्रत का पालन करते समय सात्त्विकता, शुद्धता और नियमों का पालन करना आवश्यक है, जिससे हम देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकें।
नवरात्रि व्रत से जुड़ी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. नवरात्रि व्रत कितने दिनों का होता है?
उत्तर: नवरात्रि व्रत 9 दिनों तक रखा जाता है। कुछ लोग पहले और आखिरी दिन (प्रतिपदा और नवमी) का व्रत रखते हैं, जबकि कुछ लोग पूरे नौ दिन व्रत करते हैं।
Q2. क्या नवरात्रि व्रत के दौरान अनाज खाया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, नवरात्रि व्रत में गेहूं, चावल और अन्य अनाज नहीं खाए जाते। इनके स्थान पर समा के चावल, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबुदाना और दूध उत्पादों का सेवन किया जाता है।
Q3. क्या व्रत के दौरान चाय या कॉफी पी सकते हैं?
उत्तर: हां, व्रत के दौरान चाय और कॉफी पी सकते हैं, लेकिन इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए। हर्बल चाय या गर्म दूध बेहतर विकल्प है।
Q4. नवरात्रि व्रत में कौन-कौन से फलाहार लिए जा सकते हैं?
उत्तर: सेब, केला, अनार, अंगूर, पपीता, संतरा, नारियल पानी, खजूर, और ड्राई फ्रूट्स (बादाम, अखरोट, किशमिश) खाए जा सकते हैं।
Q5. नवरात्रि व्रत के दौरान सेंधा नमक ही क्यों खाया जाता है?
उत्तर: सेंधा नमक प्राकृतिक और शुद्ध होता है, इसमें कोई भी रासायनिक तत्व नहीं होते। यह पाचन के लिए भी फायदेमंद होता है, इसलिए इसे व्रत में इस्तेमाल किया जाता है।
Q6. क्या नवरात्रि व्रत के दौरान पानी पी सकते हैं?
उत्तर: हां, व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, ताकि शरीर में हाइड्रेशन बना रहे। नारियल पानी, नींबू पानी और फल जूस भी लिए जा सकते हैं।
Q7. क्या नवरात्रि व्रत में प्याज और लहसुन खा सकते हैं?
उत्तर: नहीं, व्रत के दौरान प्याज और लहसुन का सेवन पूरी तरह वर्जित होता है क्योंकि यह तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं।
Q8. नवरात्रि व्रत में दूध और दही खा सकते हैं?
उत्तर: हां, दूध और दही व्रत में खाया जा सकता है। यह ऊर्जा बनाए रखने में मदद करते हैं।
Q9. क्या नवरात्रि में नॉनवेज और शराब पी सकते हैं?
उत्तर: नहीं, नवरात्रि के दौरान मांसाहार और शराब का सेवन पूरी तरह निषेध होता है। इस दौरान सात्त्विक और शुद्ध आहार लेने की सलाह दी जाती है।
Q10. व्रत तोड़ने के बाद कौन सा भोजन करना चाहिए?
उत्तर: व्रत तोड़ने के बाद हल्का और सात्त्विक भोजन करें, जैसे कि खिचड़ी, फल, दही, या मूंग दाल। अचानक भारी भोजन लेने से पाचन समस्या हो सकती है।
Q11. क्या नवरात्रि व्रत में रोज एक ही तरह का भोजन करना चाहिए?
उत्तर: नहीं, आप अलग-अलग दिन अलग-अलग फलाहार और सात्त्विक भोजन ले सकते हैं। इससे शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते हैं।
Q12. क्या नवरात्रि व्रत के दौरान ऑफिस या काम करना ठीक है?
उत्तर: हां, व्रत के दौरान ऑफिस या रोजमर्रा के काम किए जा सकते हैं। बस यह ध्यान रखें कि शरीर को पर्याप्त पोषण और हाइड्रेशन मिले।
Q13. क्या बच्चे और बुजुर्ग नवरात्रि व्रत रख सकते हैं?
उत्तर: बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति यदि व्रत रखना चाहें तो हल्का फलाहार और पौष्टिक आहार लेते हुए व्रत कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।
Q14. कन्या पूजन कब और कैसे किया जाता है?
उत्तर: अष्टमी (8वें दिन) या नवमी (9वें दिन) को कन्या पूजन किया जाता है। इसमें 9 कन्याओं को भोजन कराकर, उन्हें वस्त्र, दक्षिणा और उपहार दिए जाते हैं।
Q15. क्या नवरात्रि में शादी या कोई शुभ कार्य करना उचित है?
उत्तर: हां, नवरात्रि को अत्यंत शुभ समय माना जाता है। इस दौरान शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
Q16. अगर कोई व्रत के बीच में अस्वस्थ महसूस करे तो क्या करें?
उत्तर: यदि व्रत के दौरान कमजोरी या अस्वस्थता महसूस हो, तो तुरंत फल, दूध या हल्का भोजन करें। जरूरत पड़ने पर व्रत तोड़ दें और डॉक्टर से सलाह लें।
Q17. क्या नवरात्रि व्रत में अदरक और हल्दी का सेवन कर सकते हैं?
उत्तर: हां, अदरक और हल्दी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि ये प्राकृतिक और सात्त्विक माने जाते हैं।
Q18. क्या पुरुष भी कन्या पूजन कर सकते हैं?
उत्तर: हां, कन्या पूजन कोई भी कर सकता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला।
Q19. व्रत के दौरान कौन-कौन से तेल का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: व्रत में शुद्ध घी या मूंगफली का तेल प्रयोग किया जा सकता है। सरसों, सोयाबीन और अन्य रिफाइंड तेलों से बचें।
Q20. क्या नवरात्रि व्रत में रोजाना पूजा करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, नवरात्रि के दौरान रोज माता की पूजा, मंत्र जाप और आरती करना आवश्यक होता है, ताकि देवी की कृपा बनी रहे।