9 फरवरी 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त, राहुकाल और भीष्म द्वादशी व्रत की जानकारी
अगर आप 9 फरवरी 2025 के पंचांग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, नक्षत्र, त्रिपुष्कर योग और भीष्म द्वादशी व्रत की जानकारी चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। भारतीय पंचांग के अनुसार, दिन का प्रभाव तिथि, नक्षत्र, योग, चंद्रमा की स्थिति और ग्रहों के गोचर से निर्धारित होता है। आइए जानते हैं इस दिन की पूरी जानकारी।

9 फरवरी 2025 का पंचांग (रविवार)
पंचांग तत्व | विवरण |
---|---|
वार | रविवार |
पक्ष | माघ शुक्ल पक्ष |
सूर्योदय | सुबह 6:29 |
सूर्यास्त | शाम 5:31 |
तिथि | द्वादशी (शाम 7:40 तक), फिर त्रयोदशी |
नक्षत्र | आद्रा (शाम 6:21 तक), फिर पुनर्वसु |
योग | विष्कुंभ (दोपहर 12:51 तक), फिर प्रीति |
चंद्रमा की स्थिति | मिथुन राशि में |
सूर्य नक्षत्र | धनिष्ठा |
राहुकाल | शाम 4:08 से 5:31 तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:38 से 12:22 तक |
त्रिपुष्कर योग | शाम 6:21 से 7:40 तक |
आज के महत्वपूर्ण ज्योतिषीय संयोग
1. त्रिपुष्कर योग
- शाम 6:21 से 7:40 तक रहेगा।
- यह योग किसी भी कार्य को करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि इसमें किया गया कार्य तीन गुना फल प्रदान करता है।
- व्यापार, निवेश, विवाह, गृह निर्माण और अन्य शुभ कार्यों के लिए यह योग अत्यंत लाभकारी होता है।
2. विष्कुंभ और प्रीति योग
- विष्कुंभ योग: दोपहर 12:51 तक रहेगा। इसे कठिन परिस्थितियों और संघर्ष का योग माना जाता है।
- प्रीति योग: दोपहर 12:51 के बाद शुरू होगा। यह योग प्रेम, सौहार्द और सफलता के लिए अनुकूल होता है।
3. चंद्रमा की स्थिति
- चंद्रमा मिथुन राशि में स्थित रहेगा, जो संचार, व्यापार और बुद्धिमत्ता से जुड़े कार्यों के लिए अनुकूल है।
9 फरवरी 2025 के विशेष पर्व: भीष्म द्वादशी और तिल द्वादशी
भीष्म द्वादशी का महत्व
- इस दिन महाभारत के पितामह भीष्म जी ने गंगा तट पर देह त्याग किया था।
- जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और दान-पुण्य करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- इस दिन जलदान, अन्नदान और तिल दान का विशेष महत्व होता है।
तिल द्वादशी का महत्व
- इस दिन तिल का विशेष पूजन किया जाता है और तिल से बने पदार्थों का सेवन तथा दान शुभ माना जाता है।
- पितरों की शांति के लिए तिल का दान करना अत्यंत फलदायी होता है।
- इस दिन तिल स्नान, तिल हवन, तिल का दान और तिल से बनी वस्तुओं का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
आज के शुभ कार्य और उनके शुभ मुहूर्त
1. मुकदमा करने और पक्ष रखने का शुभ मुहूर्त
- रात 7:40 से अगले दिन तक।
- यह समय कानूनी मामलों, वाद-विवाद या किसी भी पक्ष को प्रस्तुत करने के लिए अनुकूल है।
2. फसल काटने का शुभ मुहूर्त
- सुबह 6:29 से शाम 6:21 तक।
- इस दौरान फसल की कटाई करना शुभ और लाभकारी रहेगा।
3. गृह प्रवेश और गृह निर्माण
- त्रिपुष्कर योग (शाम 6:21 से 7:40 तक) में शुभ कार्य करें।
4. विवाह और व्यापार शुरू करने का शुभ मुहूर्त
- प्रीति योग (दोपहर 12:51 के बाद) और त्रिपुष्कर योग में विशेष रूप से शुभ।
राहुकाल में क्या न करें?
राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करने से बचें।
- आज का राहुकाल: शाम 4:08 से 5:31 तक।
क्या करें और क्या न करें?
क्या करें?
- भीष्म द्वादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और जलदान करें।
- तिल द्वादशी पर तिल से बनी चीजों का दान करें।
- त्रिपुष्कर योग में शुभ कार्य करें, यह सफलता तीन गुना बढ़ाता है।
- मुकदमे या कानूनी कार्यों के लिए रात 7:40 के बाद का समय शुभ है।
क्या न करें?
- राहुकाल में कोई शुभ कार्य न करें।
- विष्कुंभ योग में महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।
- तिल द्वादशी के दिन तामसिक भोजन, मांस-मदिरा और क्रोध से बचें।
नोट: यह सामग्री केवल मार्गदर्शन और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान की गई है। इसे अंतिम निर्णय का आधार न बनाएं।
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