पापमोचनी एकादशी 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व | आज का पंचांग
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है, और आज चैत्र कृष्ण पक्ष की पापमोचनी एकादशी मनाई जा रही है। यह एकादशी सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है। यदि आप इस दिन व्रत और पूजन करना चाहते हैं, तो इस लेख में आपको तिथि, शुभ मुहूर्त, योग, नक्षत्र और विशेष जानकारी दी गई है।

आज का पंचांग (25 मार्च 2025, मंगलवार)
- दिनांक – 25 मार्च 2025
- वार – मंगलवार
- पक्ष – चैत्र कृष्ण पक्ष
- सूर्योदय – प्रातः 5:57 बजे
- सूर्यास्त – शाम 6:03 बजे
- तिथि – एकादशी तिथि रात्रि 11:30 बजे तक, उसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ
- नक्षत्र – श्रवण नक्षत्र रात्रि 12:01 बजे तक, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र
- योग – शिवयोग सुबह 11:15 बजे तक, उसके बाद सिद्ध योग
- चंद्रमा की स्थिति – मकर राशि में
- सूर्य की स्थिति – मीन राशि में
- सूर्य नक्षत्र – उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र
आज के शुभ मुहूर्त
1. अभिजीत मुहूर्त
- समय – सुबह 11:35 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक
2. स्थायीजय योग
- समय – रात्रि 11:30 से रात 12:01 बजे तक
3. द्विपुष्कर योग
- समय – रात्रि 12:01 बजे से अगले दिन प्रातः 5:56 बजे तक
4. वस्त्र, आभूषण, वाहन, प्रॉपर्टी आदि खरीदने का शुभ मुहूर्त
- समय – सुबह 5:57 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक
5. ऑपरेशन व यात्रा के लिए शुभ मुहूर्त
- सुबह 6:54 बजे से सुबह 8:30 बजे तक
- सुबह 10:27 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक
- शाम 5:13 बजे से रात्रि 9:42 बजे तक
आज का अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
1. राहुकाल
- समय – दोपहर 3:01 बजे से शाम 4:32 बजे तक
2. यमगंड काल
- समय – सुबह 8:58 बजे से सुबह 10:29 बजे तक
3. गुलिक काल
- समय – दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक
इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।
पापमोचनी एकादशी 2025 का महत्व
पापमोचनी एकादशी का महत्व हिंदू धर्म ग्रंथों में वर्णित है। यह व्रत सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने और एकादशी व्रत रखने से पुण्य फल प्राप्त होता है।
पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार देवराज इंद्र के दरबार में गंधर्वों द्वारा संगीत और नृत्य का आयोजन किया गया था। वहां चित्ररथ नामक गंधर्व और मन्मथ नामक अप्सरा का प्रेम संबंध बन गया, जिससे ऋषि मेधावी का ध्यान भंग हुआ। क्रोधित होकर ऋषि ने चित्ररथ को राक्षस बनने का श्राप दे दिया। श्राप से मुक्ति पाने के लिए चित्ररथ ने पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा और भगवान विष्णु की आराधना की, जिससे उन्हें श्राप से छुटकारा मिल गया।
इसलिए, जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से व्रत रखता है, भगवान विष्णु की पूजा करता है और दान-पुण्य करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पापमोचनी एकादशी 2025 व्रत विधि
यदि आप पापमोचनी एकादशी व्रत करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विधि का पालन करें:
1. व्रत की पूर्व संध्या पर
- एकादशी व्रत से एक दिन पहले (दशमी तिथि) को सात्त्विक भोजन करें।
- तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज) से परहेज करें।
2. व्रत के दिन (एकादशी तिथि)
- प्रातः स्नान कर के भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने दीप जलाएं।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- तुलसी दल और पंचामृत से भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
- फलाहार करें और पूरे दिन निराहार रहकर उपवास करें (यदि संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं)।
- रात में भगवान विष्णु की कथा और भजन-कीर्तन करें।
- अगले दिन (द्वादशी तिथि) ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
पापमोचनी एकादशी व्रत के लाभ
- सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
- जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- पिछले जन्म के दोष समाप्त होते हैं।
- मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
25 मार्च 2025, मंगलवार को पापमोचनी एकादशी मनाई जा रही है। यह एकादशी पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यदि आप इस दिन व्रत रखते हैं, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और दान-पुण्य करते हैं, तो इसका अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
इस लेख में हमने आपको आज के पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त, एकादशी का महत्व, व्रत विधि और लाभ के बारे में विस्तार से बताया। अगर आप इस पावन तिथि का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं, तो सच्चे मन से भगवान विष्णु की भक्ति करें और व्रत का पालन करें।