रसोई घर (किचन) कहाँ बनवाना शुभ होता है? – वास्तु के अनुसार जानिए सही दिशा
घर में रसोई घर का स्थान सिर्फ भोजन पकाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे परिवार की सेहत, समृद्धि और मानसिक शांति से जुड़ा होता है। इसलिए वास्तु शास्त्र में किचन की दिशा और स्थिति को लेकर विशेष निर्देश दिए गए हैं। यदि किचन सही दिशा में हो और वास्तु नियमों के अनुसार बना हो तो घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, बीमारियाँ दूर रहती हैं और पारिवारिक संबंधों में मिठास बनी रहती है।

किचन की दिशा का महत्व – क्यों जरूरी है वास्तु का पालन?
हर दिशा किसी न किसी तत्व से जुड़ी होती है – अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, और आकाश। किचन में मुख्य रूप से अग्नि तत्व सक्रिय रहता है। यदि यह तत्व गलत दिशा में रखा गया हो तो इससे अग्नि-दोष उत्पन्न होता है, जो कि:
- स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं
- मानसिक तनाव
- पारिवारिक कलह
- आर्थिक नुकसान
जैसी कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
कौन सी दिशा में रसोई बनवाना चाहिए?
1. दक्षिण-पूर्व दिशा (South-East – अग्नि कोण)
- सबसे शुभ दिशा
- अग्नि तत्व की दिशा होने के कारण चूल्हा, गैस और माइक्रोवेव जैसे उपकरण यहां रखें।
- इससे घर के सभी सदस्य ऊर्जावान और स्वस्थ रहते हैं।
2. उत्तर-पश्चिम दिशा (North-West)
- वैकल्पिक शुभ दिशा
- यदि दक्षिण-पूर्व में किचन बनाना संभव न हो, तो उत्तर-पश्चिम में भी बना सकते हैं।
- यहां खाना बनाते समय मुंह पश्चिम या उत्तर की ओर रखें।
किन दिशाओं में रसोई बनवाना अशुभ होता है?
दिशा | कारण | प्रभाव |
---|---|---|
उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) | यह जल तत्व की दिशा है | मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं |
दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) | स्थिरता की दिशा | रिश्तों में अस्थिरता, झगड़े |
उत्तर दिशा | धन की दिशा | आर्थिक समस्याएं, तरक्की में बाधा |
वास्तु अनुसार रसोई की सही बनावट कैसी होनी चाहिए?
1. चूल्हे की दिशा
- चूल्हा इस प्रकार रखें कि खाना बनाते समय आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर हो।
2. सिंक और पानी की व्यवस्था
- पानी से संबंधित वस्तुएं (सिंक, वाटर फिल्टर आदि) उत्तर-पूर्व में रखें।
3. रसोई का प्रवेश द्वार
- किचन का मुख्य दरवाजा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
4. खिड़कियाँ और वेंटिलेशन
- किचन में प्राकृतिक प्रकाश और हवा के लिए खिड़की उत्तर या पूर्व दिशा में रखें।
5. फ्रिज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
- ये वस्तुएं दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखें। माइक्रोवेव, मिक्सर आदि अग्नि तत्व से जुड़े उपकरण हैं।
रंगों का महत्व – किचन में कौन सा रंग शुभ होता है?
रंग | प्रभाव |
---|---|
हल्का पीला | ऊर्जा और उत्साह बढ़ाता है |
गुलाबी | पारिवारिक प्रेम और संतुलन लाता है |
नारंगी | सकारात्मकता और भूख में वृद्धि |
लाल (हल्का) | अग्नि तत्व को संतुलित करता है |
टिप: किचन में काले, भूरे या गहरे रंगों से बचें। ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं।
वास्तु दोष होने पर उपाय (Vastu Dosh Nivaran for Kitchen)
यदि किचन गलत दिशा में बन चुका है और बदलाव संभव नहीं है तो नीचे दिए गए उपाय करें:
- वास्तु पिरामिड का उपयोग करें – किचन के उत्तर-पूर्व या अग्नि कोण में लगाएं।
- ब्रास का सूरज या अग्नि यंत्र दक्षिण-पूर्व में स्थापित करें।
- चूल्हे और सिंक के बीच लकड़ी की प्लेट या पर्दा लगाएं।
- नींबू, नमक और कपूर का उपयोग करके किचन की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करें।
वास्तु अनुसार किचन से जुड़ी विशेष बातें
- रसोई में झूठे बर्तन रातभर न छोड़ें। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- किचन हमेशा साफ और व्यवस्थित रखें।
- हर दिन रसोई में दीपक या कपूर जलाएं, इससे वातावरण शुद्ध होता है।
- मंदिर और किचन को एक साथ न रखें – पूजा स्थान को अलग ही बनाएं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर की दिशा, रंग और सजावट का सीधा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में हमेशा स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि बनी रहे, तो किचन से जुड़ी इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
सही दिशा में बनी रसोई घर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य सुधारती है, बल्कि मानसिक संतुलन और आर्थिक स्थिरता भी बनाए रखती है।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्र.1. रसोई घर का आकार कैसा होना चाहिए?
उत्तर: रसोई वर्गाकार या आयताकार होना शुभ माना जाता है। त्रिकोण या गोल आकार से बचें।
प्र.2. क्या रसोई में आईना लगाना ठीक है?
उत्तर: वास्तु अनुसार रसोई में आईना नहीं लगाना चाहिए, यह अग्नि तत्व में भ्रम पैदा कर सकता है।
प्र.3. क्या किचन और बाथरूम की दीवार साझा हो सकती है?
उत्तर: नहीं, ऐसा होना वास्तु दोष का कारण बनता है। इससे स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।