रवि योग 2025 | रवि योग कब है? | रवि योग का महत्व क्या है? | Ravi yog kab hai
आज हम रवि योग के बारे में जानेंगे रवि योग क्या होता है, रवि योग में क्या करना चाहिए?, रवि योग कब होता है?, रवि योग का फल, रवि योग का महत्व क्या है? अगर आप भी जानना चाहते हैं रवि योग के बारे में तो आप यहां पर जान सकते हैं।
यहां पर रवि योग के बारे में विस्तार से बताया गया है। और किस तारीख को रवि योग पड़ रहा है। इसके बारे में भी जानकारी दिया गया है।

रवि योग कब प्रारंभ होगा अप्रैल 2025
दिनांक | वार | समय |
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19 अप्रैल 2025 | शनिवार | सुबह 6:35 से अगली सुबह 7:30 तक |
30 अप्रैल 2025 | बुधवार | रात्रि 8:06 से संपूर्ण रात्रि तक |
रवि योग कब प्रारंभ होगा मई 2025
दिनांक | वार | समय |
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1 मई 2025 | गुरुवार | प्रातः काल से शाम 6:55 तक |
2 मई 2025 | शुक्रवार | शाम 6:5 से संपूर्ण रात्रि तक |
3 मई 2025 | शनिवार | प्रातः काल से शाम 5:36 तक |
5 मई 2025 | सोमवार | शाम 5:59 से संपूर्ण रात्रि तक |
6 मई 2025 | मंगलवार | समस्त दिन रात्रि |
7 मई 2025 | बुधवार | प्रातः काल से रात्रि 8:23 तक |
10 मई 2025 | शनिवार | रात्रि 12:32 से संपूर्ण दिन और अगली रात्रि 3:04 तक |
12 मई 2025 | सोमवार | सुबह 5:41 तक |
18 मई 2025 | रविवार | दोपहर 3:54 से संपूर्ण रात्रि तक |
19 मई 2025 | सोमवार | प्रातः काल से दोपहर 3:48 तक |
30 मई 2025 | शुक्रवार | रात्रि 2:09 से संपूर्ण दिन और अगली रात्रि 1:34 तक |
रवि योग क्या होता है?
रवि योग के बारे में कहा जाता है। कि यह एक ऐसा योग है। जिसमें लगभग सभी दोषों का नाश हो जाता है। रवि योग को बेहद शुभ योग के रूप में माना गया है। रविवार के दिन सूर्य भगवान का पूजा किया जाता है। उसी प्रकार रवि यानी सूर्य को ही रवि योग कहा जाता है। रवि योग में सूर्य भगवान की पूजा करना बेहद शुभ होता है। जिससे सूर्य भगवान का कृपा अपने भक्तों पर बना रहता है। इसलिए रवि योग में सूर्य भगवान की पूजा करना चाहिए।
रवि योग में क्या करना चाहिए?
रवि योग में प्रातः काल उठकर स्नान करने के बाद सूर्य भगवान को अर्ध देना चाहिए। अर्घ देते समय सूर्य भगवान का मंत्र ॐ घृणि सूर्याय नमः का जप भी करना चाहिए। उसके बाद अगर संभव हो तो आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं। इससे आपको लाभ होगा।
रवि योग कब होता है?
शास्त्रों में कहा गया है, कि जब सूर्य नक्षत्र से चंद्रमा का नक्षत्र 4, 6, 9, 10,13 और 20 होता है। तो रवि योग बनता है।
रवि योग का फल
रवि योग एक ऐसा योग है। जिसमें कई सारे दोषो को नष्ट करने की क्षमता होता है। इसलिए इस योग में कोई भी कार्य जिसके लिए मुहूर्त नहीं मिल रहा है। तो उसको इसमें प्रारंभ कर सकते हैं। सूर्य भगवान की असीम कृपा होने की वजह से इस योग में किया गया कार्य सफल होने की संभावना को अधिक प्रबल कर देता है।
रवि योग का महत्व
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है। कि रवि योग एक बेहद शुभ योग माना जाता है। जिस में किया गया कार्य शुभ फल प्रदान करता है। इसलिए इस योग को ज्योतिष शास्त्र में काफी अहमियत दिया जाता है।