सगाई मुहूर्त 2025 | सगाई करने का शुभ मुहूर्त कब है | Sagai karne ka Shubh muhurt
सगाई अर्थात वर और कन्या वरण करना। वर और कन्या का सगाई करने के लिए शुभ मुहूर्त को यहां पर बताया जा रहा है। आप यहां पर वर और कन्या के लिए सगाई करने का शुभ मुहूर्त देख सकते हैं। और सगाई करने के लिए वर और कन्या के date of birth से शुभ मुहूर्त को जानना चाहते हैं। तो उसको भी आप जान सकते हैं।

सगाई करने के लिए शुभ मुहूर्त को देखना अति आवश्यक है। क्योंकि अगर शुभ मुहूर्त में सगाई किया जाता है। तो वह शुभ फलदाई होता है। वर और कन्या के विवाह में भी कोई रुकावट नहीं आता है। इसलिए किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त को देखना अति आवश्यक है।
सगाई करने का शुभ मुहूर्त जनवरी 2025
दिनांक | वार | समय |
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24 जनवरी 2025 | शुक्रवार | शाम 4:52 से संपूर्ण रात्रि तक |
30 जनवरी 2025 | गुरुवार | रात्रि 8:13 से संपूर्ण रात्रि तक |
31 जनवरी 2025 | शुक्रवार | सुबह 7:36 तक |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
दिनांक | वार | समय |
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12 फरवरी 2025 | बुधवार | शाम 7:10 से संपूर्ण रात्रि तक |
13 फरवरी 2025 | गुरुवार | सुबह 6:36 से रात्रि 12:00 बजे तक |
16 फरवरी 2025 | सोमवार | शाम 5:22 से संपूर्ण रात्रि तक |
21 फरवरी 2025 | शुक्रवार | सुबह 8:02 तक |
24 फरवरी 2025 | सोमवार | सुबह 7:31 तक |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त मार्च 2025
दिनांक | वार | समय |
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6 मार्च 2025 | गुरुवार | सुबह 6:11 से दोपहर 3:03 तक |
7 मार्च 2025 | शुक्रवार | सुबह 6:10 से दोपहर 1:06 तक |
12 मार्च 2025 | बुधवार | सुबह 9:17 तक |
24 मार्च 2025 | सोमवार | सुबह 5:57 से दोपहर 12:17 तक |
26 मार्च 2025 | बुधवार | सुबह 5:56 से सुबह 11:43 तक |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त अप्रैल 2025
दिनांक | वार | समय |
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13 अप्रैल 2025 | रविवार | शाम 7:45 से संपूर्ण रात्रि तक |
14 अप्रैल 2025 | सोमवार | सुबह 5:42 से रात्रि 10:24 तक |
20 अप्रैल 2025 | रविवार | सुबह 7:30 से संपूर्ण रात्रि तक |
21 अप्रैल 2025 | सोमवार | सुबह 5:38 से दोपहर 1:40 तक |
30 अप्रैल 2025 | बुधवार | सुबह 5:32 से शाम 5:58 तक |
सगाई मुहूर्त कैसे निकाले?
सगाई करने के लिए शुभ मुहूर्त को निकालते समय कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखना अति आवश्यक है। क्योंकि सगाई करने का शुभ मुहूर्त का चुनाव करते समय शुभ वार, शुभ तिथि, गुरु और शुक्र का उदय, सूर्य का उत्तरायण, शुभ योग आदि को भी देखा जाना चाहिए।
यह सब देखने के बाद वर और कन्या के सगाई लिए शुभ नक्षत्र को देखा जाना चाहिए। वर के लिए अलग नक्षत्र और कन्या के लिए अलग नक्षत्र होता है। यहां पर नीचे वर और कन्या के लिए शुभ नक्षत्र दिया जा रहा है।
वर नक्षत्र – वर के लिए रोहणी, तीनों उत्तरा, कृतिका, तीनों पुर्वा, मृगशिरा, हस्त, मूल, अनुराधा, मघा, स्वाति, रेवती नक्षत्र शुभ होते हैं।
कन्या नक्षत्र – कन्या के लिए उत्तराषाढा, स्वाती, श्रवण, तीनों पुर्वा, अनुराधा, धनिष्ठा, कृत्तिका, मृगशिरा, हस्त, मूल, रोहणी, मघा, तीनों उत्तरा, रेवती नक्षत्र शुभ होते हैं।
ध्यान दे कि वर और कन्या के नक्षत्रों में केवल उत्तराषाढा, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र में ही वर का सगाई नहीं किया जाता है। बाकी बतलाए गए सभी नक्षत्र वर और कन्या के लिए सामान्य है।
वर का सगाई (अंगूठी पहनाना) कैसे किया जाता है?
वर का सगाई करने के लिए कन्या का भाई या ब्राम्हण शुभ मुहूर्त में (जो मुहूर्त चुना गया हो) वस्त्र, जनेऊ और यथाशक्ति द्रव्यों से वर का सगाई करें। सगाई के समय फल, पुष्प, जनेऊ, वस्त्र, मिष्ठान आदि भेंट के रूप में वर को दें।
जब वर का सगाई हो रहा हो, तो उस समय वर का मुख प्रसन्न चित्त रहना चाहिए। और गीत वादन आदि बज रहे हो।
ऊपर यथाशक्ति द्रव्यों की बात की गई है। इसका अर्थ दहेज को लेकर नहीं है। इसलिए इसे दहेज के रूप में ना देखें।
कन्या का सगाई (अंगूठी पहनाना) कैसे किया जाता है?
कन्या के सगाई के समय वस्त्र, आभूषण, मिष्ठान, फल, पुष्प आदि से कन्या का सगाई करें। जब कन्या का सगाई किया जा रहा हो। उस समय कन्या का मुख प्रसन्न चित्त रहना चाहिए।
इस प्रकार आप वर और कन्या का सगाई कर सकते हैं। इस समय वर और कन्या के सगाई के समय काफी खूबसूरत समारोह का आयोजन होता है। लेकिन ऊपर केवल यथाशक्ति के रूप में ही बतलाया गया है। वर और कन्या का सगाई का समारोह आप अपने यथाशक्ति के अनुसार कर सकते हैं। इसमें कोई बंदी से नहीं है।