सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत: तिथि, महत्व, पूजा विधि और कथा
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और महत्व जानें। इस व्रत से पति की दीर्घायु, वैवाहिक सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। संपूर्ण जानकारी यहाँ पढ़ें!

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जिसे महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना हेतु रखती हैं। यह व्रत मुख्य रूप से भारतीय संस्कृति में विवाहित स्त्रियों द्वारा श्रद्धा और आस्था के साथ किया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है, ताकि उनके वैवाहिक जीवन में सुख और शांति बनी रहे।
सौभाग्य सुंदरी तीज का महत्व
- वैवाहिक जीवन में सुख-शांति: यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है।
- पति की दीर्घायु के लिए: महिलाएँ इस व्रत को पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए करती हैं।
- पारंपरिक और धार्मिक महत्व: यह व्रत हिंदू धर्म के अनुसार शिव-पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक है।
- सौभाग्य और समृद्धि: यह व्रत स्त्रियों के सौभाग्य और समृद्धि को बढ़ाता है।
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत की तिथि एवं शुभ मुहूर्त
सौभाग्य सुंदरी तीज हर साल विशेष तिथि पर आती है। इसकी सही तिथि और शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार तय किए जाते हैं। इस व्रत का मुहूर्त प्रातः काल से लेकर सायं काल तक हो सकता है, और इसमें विशेष रूप से रात्रि पूजन का महत्व होता है।
व्रत और पूजन विधि
1. व्रत की तैयारी:
- व्रत के एक दिन पहले सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा का संकल्प करें।
2. पूजन विधि:
- पूजा स्थल को स्वच्छ करें और एक चौकी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
- फूल, धूप, दीप, अक्षत, चंदन, दूध, दही, शहद आदि पूजन सामग्री रखें।
- भगवान शिव और माता पार्वती को सुहाग सामग्री जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, महावर आदि अर्पित करें।
- कथा श्रवण करें और पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें।
- रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत कथा
इस व्रत से जुड़ी एक पौराणिक कथा है, जिसमें बताया गया है कि किस प्रकार माता पार्वती ने कठिन तपस्या करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। इसी कथा को सुनने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- व्रत के दिन क्रोध, अहंकार और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्त्विक आहार ग्रहण करें।
- व्रत का पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ पालन करें।
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत के लाभ
- पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है।
- सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- शारीरिक और मानसिक शुद्धि प्राप्त होती है।
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत एक पवित्र और महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। इस व्रत में धार्मिक अनुष्ठान, कथा श्रवण और पूजन विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि यह व्रत श्रद्धा और पूर्ण विधि-विधान के साथ किया जाए, तो यह पति-पत्नी के जीवन में खुशियाँ और सौभाग्य लाता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत कौन कर सकता है?
यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएँ करती हैं, लेकिन अविवाहित कन्याएँ भी इसे अच्छे पति की प्राप्ति के लिए कर सकती हैं।
2. क्या सौभाग्य सुंदरी तीज पर निर्जल व्रत करना आवश्यक है?
यह निर्भर करता है। कुछ महिलाएँ निर्जल व्रत करती हैं, जबकि कुछ फलाहार के साथ व्रत करती हैं।
3. व्रत का पारण कैसे किया जाता है?
रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
4. क्या सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत के दौरान कोई विशेष मंत्र जपना चाहिए?
“ॐ नमः शिवाय” और “ऊँ पार्वतीपतये नमः” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।









