आज की चौघड़िया मुहूर्त

चौघड़िया

मोबाइल

आज राहु काल का समय

राहु काल

Lucky Dates Calculator

Lucky

भाग्यांक

दशा और अंतरदशा

दशा

मंगल दोष

मंगल दोष

Age Calculator

Age

अभिजीत मुहूर्त

अभिजीत

Love Calculator Kya Hai

Love

भाग्यशाली वाहन संख्या कैलकुलेटर

वाहन

गुलिक काल और यमगंड काल

गुलिक

गुलिक काल और यमगंड काल

यमगंड

शीतला अष्टमी 2025: व्रत तिथि, पूजा विधि, महत्व और कथा | बसोड़ा पर्व जानकारी

शीतला अष्टमी का व्रत देवी शीतला माता को समर्पित है, जो संक्रामक रोगों से रक्षा करने वाली देवी मानी जाती हैं। इस व्रत को बसोड़ा भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन बासी भोजन का सेवन करने की परंपरा होती है। यह पर्व होली के बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में शीतला अष्टमी 22 मार्च, शनिवार को मनाई जाएगी।

शीतला अष्टमी
शीतला अष्टमी

शीतला अष्टमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 21 मार्च 2025, शुक्रवार, रात्रि 11:40 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 23 मार्च 2025, रविवार, रात्रि 12:25 बजे
  • व्रत और पूजन दिवस: 22 मार्च 2025, शनिवार

शीतला अष्टमी का महत्व

शीतला अष्टमी व्रत का पालन करने से चेचक (smallpox), खसरा (measles), त्वचा रोग और अन्य संक्रामक बीमारियों से रक्षा होती है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक इस व्रत को करते हैं, उनके परिवार में रोगों का नाश होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

शीतला अष्टमी व्रत और पूजा विधि

1. व्रत की तैयारी (एक दिन पहले – सप्तमी तिथि):

  • सप्तमी के दिन ही भोजन बना लिया जाता है क्योंकि अष्टमी के दिन चूल्हा नहीं जलाया जाता।
  • भोजन में बासी रोटी, बेसन या मूंग की पूड़ी, कढ़ी, मीठे चावल, बूंदी, दही और गुड़ का प्रयोग किया जाता है।

2. अष्टमी के दिन पूजा विधि:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • शीतला माता की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
  • बासी भोजन (बसोड़ा प्रसाद) का भोग लगाएं और धूप-दीप जलाकर माता का पूजन करें।
  • शीतला माता की कथा पढ़ें या सुनें।
  • परिवार के सभी सदस्य बासी भोजन ग्रहण करें।

3. क्या करें और क्या न करें:
करें:

  • चूल्हा न जलाएं।
  • संक्रामक रोगों से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान दें।
  • छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इस व्रत के महत्व के बारे में बताएं।

न करें:

  • ताजा भोजन न बनाएं और न ही ग्रहण करें।
  • किसी को अपशब्द न कहें और वाद-विवाद से बचें।

शीतला माता की व्रत कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, एक गांव में एक स्त्री शीतला माता की उपासना करती थी और उनके नियमों का पालन करती थी। लेकिन गांव की अन्य महिलाएं उसकी इस भक्ति को नजरअंदाज करती थीं और चूल्हा जलाकर ताजा भोजन बनाती थीं।

एक दिन गांव में महामारी फैल गई, जिससे कई लोग बीमार पड़ गए। केवल वही महिला और उसका परिवार स्वस्थ रहे, जो माता शीतला की उपासक थी। जब लोगों ने उससे इसका कारण पूछा, तो उसने बताया कि यह माता शीतला की कृपा से हुआ है। इसके बाद, पूरे गांव ने माता शीतला की पूजा की और व्रत करने लगे, जिससे सभी रोगों से मुक्त हो गए।

शीतला माता से जुड़ी कुछ मान्यताएँ

  • शीतला माता को बासी भोजन अत्यधिक प्रिय होता है, इसलिए इस दिन ताजा भोजन नहीं बनाया जाता।
  • मान्यता है कि शीतला माता की पूजा करने से संक्रामक रोग नहीं होते और बीमारियां जल्दी ठीक होती हैं।
  • कई स्थानों पर इस दिन लोग शीतला माता के मंदिर में जाकर जल चढ़ाते हैं और आंखों में काजल लगाते हैं, जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।

शीतला अष्टमी का पूजन स्थल और प्रमुख मंदिर

भारत में कई प्रसिद्ध शीतला माता के मंदिर हैं, जहां इस दिन विशेष पूजन और भव्य उत्सव मनाया जाता है।

  1. शीतला माता मंदिर, गुड़गांव (हरियाणा)
  2. शीतला माता मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
  3. शीतला माता मंदिर, झुंझुनू (राजस्थान)
  4. शीतला माता मंदिर, पटना (बिहार)

शीतला अष्टमी का व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन बासी भोजन ग्रहण करने और माता की पूजा करने से संक्रामक रोगों से बचाव होता है। यदि आप इस व्रत को विधिपूर्वक करते हैं, तो आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

शीतला अष्टमी 2025 – महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (FAQ)

1. शीतला अष्टमी 2025 कब है?

उत्तर: शीतला अष्टमी 2025 का व्रत 22 मार्च 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।

2. शीतला अष्टमी की पूजा किस तिथि को करनी चाहिए?

उत्तर: पूजा 22 मार्च 2025 को करनी चाहिए क्योंकि यह व्रत अष्टमी तिथि के सूर्योदय पर किया जाता है।

3. शीतला अष्टमी पर क्या खास किया जाता है?

उत्तर: इस दिन चूल्हा नहीं जलाया जाता और बासी भोजन (बसोड़ा) खाया जाता है। माता शीतला की पूजा कर संक्रामक रोगों से बचाव की प्रार्थना की जाती है।

4. क्या शीतला अष्टमी पर व्रत रखना जरूरी है?

उत्तर: यह व्रत ऐच्छिक है, लेकिन जो लोग माता शीतला की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, वे इस व्रत को रखते हैं। खासकर महिलाएं परिवार की स्वास्थ्य रक्षा के लिए इसे करती हैं।

5. क्या पुरुष भी शीतला अष्टमी का व्रत रख सकते हैं?

उत्तर: हां, पुरुष भी यह व्रत रख सकते हैं। हालांकि, इसे ज्यादातर महिलाएं ही रखती हैं।

6. इस दिन कौन-से खाद्य पदार्थ खाए जाते हैं?

उत्तर: इस दिन बासी भोजन खाया जाता है, जैसे –

  • बासी रोटी
  • मीठे चावल
  • कढ़ी
  • बूंदी
  • दही
  • गुड़
  • मूंग या बेसन की पूड़ी

7. शीतला माता की पूजा कैसे करनी चाहिए?

उत्तर:

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  2. माता शीतला की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
  3. बासी भोजन का भोग लगाएं।
  4. धूप-दीप जलाकर माता शीतला की आरती करें।
  5. व्रत कथा पढ़ें या सुनें।

8. शीतला अष्टमी पर चूल्हा जलाना वर्जित क्यों है?

उत्तर: मान्यता है कि माता शीतला शीतलता की देवी हैं, और इस दिन आग जलाने से उनका अपमान होता है। इसलिए इस दिन बिना आग जलाए बासी भोजन किया जाता है।

9. क्या इस दिन स्नान करना चाहिए?

उत्तर: हां, सुबह जल्दी उठकर गंगा जल मिलाकर स्नान करना शुभ माना जाता है।

10. शीतला माता की कौन-कौन सी बीमारियों से रक्षा करती हैं?

उत्तर: शीतला माता संक्रामक रोगों से रक्षा करती हैं, जैसे –

  • चेचक (Smallpox)
  • खसरा (Measles)
  • त्वचा रोग
  • नेत्र रोग

11. क्या इस दिन किसी मंदिर में विशेष पूजा होती है?

उत्तर: हां, कई शीतला माता मंदिरों में भव्य पूजा-अर्चना होती है, जैसे –

  • गुड़गांव, हरियाणा
  • वाराणसी, उत्तर प्रदेश
  • झुंझुनू, राजस्थान
  • पटना, बिहार

12. क्या शीतला अष्टमी हर साल एक ही दिन होती है?

उत्तर: नहीं, यह तिथि चंद्र कैलेंडर के अनुसार बदलती है। होली के बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत किया जाता है।

13. क्या इस दिन उपवास रखना जरूरी है?

उत्तर: उपवास वैकल्पिक है। कुछ लोग केवल बासी भोजन ग्रहण करते हैं, जबकि कुछ निर्जला व्रत रखते हैं।

14. इस दिन दान-पुण्य करने का क्या महत्व है?

उत्तर: इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, गुड़, दही और बासी भोजन का दान करने से पुण्य मिलता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।

15. क्या शीतला अष्टमी का व्रत पूरे भारत में मनाया जाता है?

उत्तर: यह व्रत उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश) में विशेष रूप से मनाया जाता है। अन्य राज्यों में भी इसे श्रद्धा से मनाया जाता है।

यदि आपका कोई और प्रश्न है तो हमें कमेंट सेक्शन में बताएं। इस लेख को शेयर करें और शुभ फल प्राप्त करें!

मेंष

मेंष

वृषभ

वृषभ

मिथुन

मिथुन

कर्क

कर्क

सिंह

सिंह

कन्या

कन्या

तुला

तुला

वृश्चिक

वृश्चिक

धनु

धनु

मकर

मकर

कुंभ

कुंभ

मीन

मीन

Free Tools

भाग्यशाली वाहन संख्या कैलकुलेटर
वाहन संख्या कैलकुलेटर
नाम अंक ज्योतिष
मोबाइल नंबर
भाग्यांक कैलकुलेटर
Chaldean Numerology
Love Calculator Kya Hai
Love Calculator
अभिजीत मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त
Age Calculator
Age Calculator
Lucky Dates Calculator
Lucky Dates
आज राहु काल का समय
राहु काल का समय

कुंडली

संतान प्राप्ति के लिए उपाय बताओ
संतान प्राप्ति के उपाय
लव मैरिज का योग कैसे बनता है
लव मैरिज का योग
दशा और अंतरदशा
दशा और अंतरदशा
राशि के अनुसार रत्न
नाड़ी दोष
नाड़ी दोष, भकूट दोष
मंगल दोष
मंगल दोष
जन्म कुंडली (Horoscope) कैसे बनाएं
जन्म कुंडली
राशि परिवर्तन
राशि परिवर्तन
ग्रह दोष और उनके उपाय
ग्रह दोष
शनि की साढ़े साती और ढैय्या
शनि की साढ़े साती
kundli milan online in hindi
कुंडली मिलान
नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए ज्योतिष उपाय
नौकरी में प्रमोशन
सप्तम भाव में शुक्र का प्रभाव
सप्तम भाव में शुक्र

शुभ मुहूर्त 

Show next
We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

You cannot copy content of this page

www.muhuratam.com
Logo